हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में इस वर्ष विंटर क्लोजिंग को लेकर नई व्यवस्था लागू की गई है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि विंटर क्लोजिंग स्कूल 31 दिसंबर तक खुले रहेंगे। इस आदेश के मुताबिक, जिन स्कूलों में परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं, वहां छात्रों के लिए खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। यह कदम छात्रों के मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
जिन स्कूलों में वर्तमान में परीक्षाएं चल रही हैं, वहां परीक्षाओं के मध्य अंतराल में भी छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। इस अवधि में शिक्षकों का मुख्य कार्य छात्रों को परीक्षा की तैयारी करवाना और उनके पाठ्यक्रम को मजबूत बनाना होगा। इस प्रकार, छात्रों के लिए हर दिन स्कूल आना अनिवार्य रहेगा।
शैक्षणिक सत्र और छुट्टियों का नया शेड्यूल
शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के स्कूलों का शैक्षणिक सत्र 31 दिसंबर को समाप्त होगा। इसके बाद, 1 जनवरी से 11 फरवरी तक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश रहेगा। हालांकि, इस अवकाश के दौरान शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की उपस्थिति भी अनिवार्य कर दी गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि शैक्षणिक सत्र की तैयारियां समय पर पूरी हों, सभी कर्मचारियों को नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित रहना होगा।
इसके अतिरिक्त, मिड-डे मील कार्यकर्ता और मल्टी-टास्क वर्कर भी इस दौरान स्कूल में अपनी सेवाएं देते रहेंगे। यह कदम स्कूल की संचालन व्यवस्था को व्यवस्थित रखने के लिए उठाया गया है।
परीक्षाओं और गतिविधियों का संतुलन
जिन स्कूलों में परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं, वहां छात्रों को खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। यह पहल न केवल छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देती है, बल्कि उन्हें पढ़ाई के तनाव से भी मुक्ति दिलाती है। वहीं, जिन स्कूलों में परीक्षाएं अभी भी चल रही हैं, वहां शिक्षक छात्रों को विशेष रूप से परीक्षा की तैयारी में सहायता करेंगे।
शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि यह कदम छात्रों की पढ़ाई और उनके विकास दोनों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। यह नीति यह सुनिश्चित करेगी कि छात्रों को खाली समय व्यर्थ न करना पड़े और वे रचनात्मक गतिविधियों में शामिल हो सकें।