रांची (RANCHI): मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत के बाद से झारखंड में राशन कार्ड बनाने वालों की संख्या में भारी इजाफा देखा जा रहा है। हर दिन रांची समाहरणालय स्थित आपूर्ति कार्यालय में राशन कार्ड आवेदन करने के लिए सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही प्रज्ञा केंद्रों पर भी भारी भीड़ देखी जा रही है।
जानकारी के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में 1500 से अधिक लोगों ने रांची आपूर्ति कार्यालय में राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है। अधिकतर लोग गरीबी और बीमारी का हवाला देकर राशन कार्ड बनाने की मांग कर रहे हैं।
मंईयां सम्मान योजना ने जहां गरीब परिवारों को राहत दी है, वहीं राशन कार्ड प्रक्रिया की जटिलता ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। यदि सरकार इस दिशा में तेजी से सुधार करती है, तो न केवल योजना का लाभ बढ़ेगा, बल्कि प्रशासनिक समस्याएं भी कम होंगी।
राशन कार्ड धारकों की मौजूदा स्थिति
रांची जिले में फिलहाल चार लाख 16 हजार 938 गुलाबी राशन कार्ड और एक लाख 19 हजार 34 पीले राशन कार्ड हैं। वहीं, अब तक 56 हजार 185 हरा राशन कार्ड बनाए जा चुके हैं। वर्तमान में केवल हरे कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है, जो कि गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के लिए होता है।
लंबित हैं हजारों आवेदन
खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में नए राशन कार्ड बनाने के लिए 41 हजार आवेदन अभी भी लंबित हैं। इसके अलावा, राशन कार्ड में परिवार के नए सदस्यों का नाम जोड़ने के लिए करीब 9 लाख आवेदन डीएसओ लॉगिन में लंबित हैं।
जटिल हो गई है राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया
राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया पिछले कुछ वर्षों में बेहद कठिन हो गई है। दो साल पहले पता चला था कि डीएसओ लॉगिन को हैक कर फर्जी राशन कार्ड बनाए जा रहे थे। इसके बाद से खाद्य आपूर्ति विभाग ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया को जटिल बना दिया।
नतीजतन, डीएसओ स्तर पर आवेदन स्वीकृत होने के बावजूद न तो नए राशन कार्ड जारी हो रहे हैं और न ही पुराने कार्ड में सदस्यों के नाम जोड़े जा रहे हैं। यह स्थिति आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
मंईयां सम्मान योजना का असर
मंईयां सम्मान योजना के तहत गरीब परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। योजना का लाभ उठाने के लिए राशन कार्ड होना अनिवार्य है। इस वजह से बड़ी संख्या में लोग अब राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना ने न केवल गरीबों को सहारा दिया है, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर भी दबाव बढ़ाया है।
प्रज्ञा केंद्रों पर बढ़ती भीड़
प्रज्ञा केंद्रों पर राशन कार्ड आवेदन करने वाले लोगों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। इन केंद्रों पर हर दिन सैकड़ों लोग अपने आवेदन जमा कर रहे हैं। हालांकि, लंबित आवेदनों की संख्या और प्रक्रिया की जटिलता के कारण कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
समाधान के प्रयास
सरकार और खाद्य आपूर्ति विभाग अब राशन कार्ड प्रक्रिया को सरल बनाने और लंबित आवेदनों का तेजी से निपटारा करने के लिए योजना बना रहे हैं। डीएसओ लॉगिन प्रणाली को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए तकनीकी सुधारों पर काम किया जा रहा है।