महाराष्ट्र में ट्रैफिक नियमों को और सख्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। Maharashtra Helmet Rules के तहत अब बिना हेलमेट के चालक और पिलीयन राइडर (पीछे बैठने वाला व्यक्ति) दोनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। नए नियम के मुताबिक, हेलमेट न पहनने पर चालान काटने की प्रक्रिया को और स्पष्ट और प्रभावी बनाया गया है।
नया हेलमेट नियम
महाराष्ट्र पुलिस ने यातायात नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए यह नया नियम लागू किया है। अब ई-चालान मशीनों में दो अलग-अलग श्रेणियां होंगी। एक श्रेणी दोपहिया वाहन चालक के लिए होगी और दूसरी पिलीयन राइडर के लिए। यदि दोनों ने हेलमेट नहीं पहना है, तो चालान अलग-अलग काटा जाएगा। जुर्माने की राशि प्रति व्यक्ति ₹1000 तय की गई है, चाहे वह चालक हो या पीछे बैठने वाला। यह नियम बच्चों सहित सभी पर लागू होगा।
दुर्घटनाओं के आंकड़े और नियम
महाराष्ट्र ट्रैफिक पुलिस के एडीजी अरविंद साल्वे ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें खुलासा हुआ कि पिछले पांच वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले यात्रियों में सबसे बड़ी संख्या पीछे बैठने वाले यात्रियों की थी। इस alarming trend को देखते हुए पिलीयन राइडर के लिए भी हेलमेट अनिवार्य किया गया है।
चालान और जुर्माना
मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने सुनिश्चित किया है कि चालान में यह स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा कि जुर्माना चालक पर लगाया गया है या पीछे बैठे पिलीयन राइडर पर। ई-चालान मशीनों के माध्यम से चालान काटने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। अधिकारी ने बताया कि बिना हेलमेट पाए जाने पर पहले चालान काटा जाएगा और उसके बाद एक घंटे तक की मोहलत दी जाएगी। एक घंटे के भीतर अगर नियम का दोबारा उल्लंघन होता है, तो फिर से चालान भरना होगा।
चालान काटने की जगह नया हेलमेट मुहैया कराने से ज्यादा कारगर होगा , सरकार और सरकारी रहनुमाओं का पेट भरने से दुर्घटना नहीं रुक सकती है। और वैसे भी accidental death पे सरकार कितनों को मुआवजा देती है जग जाहिर है , जुर्माना एक प्रकार का तानाशाही वसुली है जीसे सरकारी गुंडों द्वारा मनमानी तरीके से लुटा जाता है । अराजक कुव्यवस्था है लोकतंत्र में कोढ़ है ये।
मध्यम वर्ग की जनता टु वहीलर इस्तमाल करते हैं हेलमेट न पहनने पर चालान एक तरह से सरकारी लुट है, जयपुर अजमेर रोड़ पर टेनकर और केमिकल ले जा रहे ट्रक अकस्मात में 40 वाहन झुलस और 11 लोग मर गए,जिसे हेलमेट से कोई लेना देना नहीं,जिस की मोत जहां लिखी है, होकर रहेगी, हेलमेट मुक्त महाराष्ट्र होना चाहिए, हेलमेट को एक बच्चे की तरह संभालना पड़ता है,यह पब्लिक के लिए एक बोज इस, हेलमेट मरजियात होना चाहिए
सड़क पर खड्डे के कारण जो दोपहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते हैं या ट्रैफिक लाइट बंद होने पर और ट्रैफिक पुलिस के ड्यूटी पर मौजूद नहीं होने पर जब कोई दुर्घटना होती हैं तो इसके लिए कितने चालान काटे गए और किसके कटे गए वो हिसाब भी मांगा जाना चाहिए।
Likewise, heavy penalty must be charged to the persons responsible for maintaining proper and good road conditions.
Ye to ekdum bakwas hai ye kuch bhi kar sakte hai
I totally agree with Mr. Shashi kant Prasad shah. Only wearing helmet one can’t avoid the road accidents if roads are not in good condition.
State govt first need to see the city roads condition, make roads proper there are so many poth holes on roads.
सभी बाहनों से हॉर्न निकाल दिये जायें तो दुर्घटना होनी ही बंद हो जायेगी।
चलान कटनेके बजाय पूलिस को सौ दोसो देकर मामला निपटणा ये बात रोकने के लिये ,या तो ऐसे पुलिस कर्मी पर कारवाई करनेका क्या प्रावधान है?
Rules only for those citizens have not any source??????
इसका मतलब यह है कि आप जैसे लोग भारत में यातायात नियमों का पालन नहीं कर सकते। यदि आप किसी अन्य विदेशी देश में होते तो आप निश्चित रूप से सभी यातायात नियमों का पालन करते।
Pehle mumbai ke roads par nazar dale. Appko puri Mumbai me 1 bhi road sahi nahi milega. Coastal road chhodke. Baki sab road me lakho ki sankya me khadde hai. Road tax bharo ye tax wo tax toll. Aur iske baad khadde milte hai pure safar me. Pls learn from other country how they make long lasting road without potholes. Hamare desh me kyu nahi bante aise road.
ये नियम रांची के सिर्फ चुनिंदा क्षेत्रों के लिए है, और इस नियम में शांति दूतों को जुर्माना मुक्त रखा गया है। ये हेमंत सोरेन का अत्याचार है।
Tow vilar ko line lane ek Said hona chayeh left Said hona chayeh right said me accident jada hota hai
Govt. Should provide helmets on the spot when the Govt. Finds two wheeler rider without helmet. People will appreciate this role. People will feel goodness
Wear helmets and save life and protect to your family
पैसा कहां से आए, कैसे आए सभी इसी जद्दोजहद में हैं, क्या आम क्या खास और क्या सरकार l सुरक्षा जनता के लिए है पर बाज़ार में जहां बाइक १० से २० के स्पीड में रेंगती हैं वहां भी ये नियम लागू जब हो तो प्रश्न उठना स्वाभाविक है l एक तरफ़ रोड की स्थिति दयनीय है, कहीं गड्ढे तो कहीं गटर बाइक सवार के मौत का वजह बनता है वहां हेलमेट क्या सुरक्षा करेगा ? इंसान यदि जीवित भी रह गया तो जिंदगी मौत से बद्तर होगी l
हेलमेट अनिवार्य हो मुझे कोई आपत्ति नहीं पर अन्य बातों पर गौर दूसरे ग्रह वाले करेगें क्या ?
जुर्माना विकल्प नहीं हो सकता l
पहला ये कि शहरी क्षेत्र में अत्यधिक गाडी और पब्लिक कि वजह से Speed लिमिट होता है l इसलिए वैसे जगहों पर हेलमेट कि कोई बाध्यता होनी ही नहीं चाहिए l
आप फोरलेन में हेलमेट अनिवार्य करें क्योकि वहां पर गाड़िया बहुत तीर्व गति से चलती है l
आप रास्ता निकालिये बेवजह पब्लिक को आर्थिक – मानसिक – शारीरिक बोझ (तनाव ( ना दे l
ये मेरा पर्सनल सुझाव है l
नोट :- जगह बिशेष पर सख़्ती से क़ानून का पालन करवाना उचित है l
Sarkar pahle road sudhare jisse sabse jayada accident hote hai aur sarkar ko kyon chinta ho rahi hum mare ya jiye sarkar ke pass Koi ilaj to nahi hai na hospital na subhidhaye kya ladli bahina yojna ke liye collection chalu ho gaya mujhe to Aisa hi lagta hai.
Yes you r right
लगभग 80% हैल्मेट पहनने वाले हैल्मैट स्ट्रप नही लगाते या ठीक से नही लगाते इससे हैल्मेट गिरने से पहले ही सिर से अलग हो जायेगा और उसका कोई लाभ नही होगा।
क्या हम पजामे आदि का नाडा कसकर नही बांधते अन्यथा ???
Theek hai ye public ki safety ke liye zaruri hai, magar galiyon aur chhote raaston par camera mein aayi videos mein se photo nikal kar jurmaana lagana ye kis tarha ka insaaf hai. 500 ya 1000 rupia kamaane mein Boht mehnat lagti hai. Vardi wale gunde apni sahulat ke mutabik jurmana lagate hain. Inhein target diya hua hai ke har roz itna itna jurmaana sarkar ki tijori mein aana zaruri hai. Sarkar ko awareness program chalana chahie public ke liye aur apne staff ko bhi control karna chahie ke wo public ko bejaa taklif na dein.
ये सब चुतियापा है सिर्फ अपनी जेब भरनी चाहिए और सरकार का खज़ाना, फ़र्ज़ी चालान काट काट कर अपनी जेब भरते हैँ, रोड ख़राब है उस पर क्यों ध्यान नही दिया जाता, आधे से ज्यादा एक्सीडेंट सड़क के ख़राब होने के कारण होते हैँ, इसका विकल्प ये नही कि सबको टोपा पहना दिया जाये.
चालान काटने से अच्छा तो उसको हेलमेट शुल्क लेकर हेलमेट दिया जय बहुत ही नेक काम है
Mr Shashi Kant I agree with you.
बात बिलकुल सही है । लेकिन जुर्माना लेने के
जगह आप उससे पैसे लेकर तुरंत एक नया हेलमेट दे उसको । इससे उस व्यक्ति को उसी के पैसे से हेलमेट भी मिल जाएगा और अगली बार वो व्यक्ति अलर्ट भी हो जाएगा कि । अगर हेलमेट भूलूंगा तो पुलिस मुझे मेरे पैसे से फिर नया हेलमेट खरीद के दे देगी । तो ये भी संभव है आप इसपर ज्यादा अमल करे । खजाना भरने की कोशिश मत करे तो ज्यादा अच्छा रहेगा ।
Dear Shashi ji, ap ekbaar yehi v sochiye ek bache k paida hone se lekar uske jawan hone tak sarkar uska sara kharch uthati hai,like delivery,vaccination, medication, schooling etc…taki wo bacha bada hoke desh ki unnati me yogdan kar sake aur agar wahi bacha apni laparwahi se jaan gawata hai to sochiye uspe kiye gaye sare kharch ka kya hua…. Ab usko sudharne k liye agar sarkar uspe jurmana/saja lagati hai to kya galat hai…. Hamare maa baap v to hame sudharne k liye saja dete hai to kya ap isko gundagardi kahoge …. Sochiye ispe aur ek jimmedar nagrik baniye
There is no rule of helmet and seat belt for autos And E-rikshaw. These 2 vehicles should be declared as safest vehicle in Delhi NCR. Aam aadmi par laga lo sarey kanoon. Jurisdiction system to improve hai nahi. 10-10 saal tak case ladty raho. Na police sunti hai na court.
Yes i agree with you
पुलिस से भ्रष्ट यहां कौन है? ऐसा नहीं है कि गलती में टैक्स ही वसुला जाये।अवैध कमाई का धंधा है सरकारी गुंडों का।अवैध कमाई का हथकंडा है भ्रष्ट पुलिस के लिए।अगर पुलिस गलती करे तो उसके लिए आज तक कुछ नहीं किया जाता है।
बाईक अपनी रोड़ टैक्स दे चूके बाईक चलाने के लिऐ लाईसेंस बनावा लिया insurance बाईक भी है ओर अपना भी है फिर पुलिस का क्या रोल बनता है जबकी पुलिस के हाथ में तो कुछ भी नही है ना बाईक ना रोड़ ना लाईसेंस ना insurance की कम्पनी कुछ भी पुलिस के हाथ में नही है पर फिर भी पुलिस रोड़ पर राजा ओर जनता को बेचारा समझती
यदि चलान करने वाले तुरन्त helmet उपलब्ध करा दिया जाये तो रोजगार भी mil जायेगा
Rampur Santali
Sarkar ko Helmat Dena Chahiye
Sahi baat
Main aapse sehmat hoon
Bilkul sahi kaha aapne
Bilkul sahi bat kahi sarkaron ko chalan ke bjay helmet ki
viyvastha kar uski keemat vasool karen
Fine bharnyapekasha tyana Navin helmet dya. Khup chanagle hoil.
For Driver it’s ok, but for pillion rider (peeche baithne wala) govt may not give any insurance if death occurs during travelling. Keeping safe insurance to the helmet wearing rider.