महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के किसानों को बड़ी राहत देते हुए 2399 करोड़ रुपये की सब्सिडी राशि जारी कर दी है। यह सब्सिडी कपास और सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए है, जिनके बैंक खातों में यह राशि ट्रांसफर कर दी गई है। इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से वित्तीय मदद दी जा रही है।
किसानों को मिली आर्थिक सहायता
महाराष्ट्र सरकार की इस योजना का लाभ करीब 50 लाख किसानों को मिला है, जिनके बैंक खातों में 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सब्सिडी राशि जमा कर दी गई है। राज्य सरकार ने खरीफ सीजन 2023 के दौरान कपास और सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए यह सहायता योजना शुरू की है। इसके तहत उन किसानों को लाभ मिला है जिन्होंने राज्य सरकार के पोर्टल पर पंजीकरण करवाया था।
2,399 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित
महाराष्ट्र के कृषि विभाग के अनुसार, करीब 49.5 लाख किसानों के बैंक खातों में सीधे सब्सिडी की राशि ट्रांसफर की गई है। इस सब्सिडी योजना के लिए कुल 2,398.93 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। जबकि राज्य में कपास और सोयाबीन की खेती करने वाले कुल 96 लाख किसान हैं, उनमें से 68 लाख किसानों ने सरकारी पोर्टल पर पंजीकरण किया है, जिन्हें भविष्य में भी इस योजना का लाभ मिल सकता है।
चुनाव से पहले मिली किसानों को बड़ी राहत
महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इस योजना को चुनाव से पहले सरकार द्वारा किसानों को राहत देने के महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, और अजित पवार ने इस योजना को किसानों की मदद के उद्देश्य से लॉन्च किया है। चुनावों से ठीक पहले यह योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
5,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी
इस योजना के तहत उन किसानों को 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सब्सिडी दी गई है, जिनकी भूमि दो हेक्टेयर तक है। राज्य सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे वे अपनी खेती के खर्चों को पूरा कर सकें और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकें।
महाराष्ट्र सरकार की इस सब्सिडी योजना से राज्य के लाखों किसानों को बड़ी राहत मिली है। यह योजना राज्य सरकार की ओर से किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और चुनावों से पहले उनकी मदद के उद्देश्य से लागू की गई है। किसानों के खातों में सीधे सब्सिडी राशि पहुंचने से उन्हें खेती में लगने वाले खर्चों का कुछ भार कम होगा और वे आने वाले सीजन की तैयारी कर सकेंगे।