Maharashtra CM: महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है, जब महायुती (BJP, Shiv Sena, और NCP) के तीन प्रमुख नेता 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। यह निर्णय राज्य की राजनीति के लिए एक नया अध्याय लेकर आएगा।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह महायुती के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत का प्रतीक है, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार और अन्य राजनीतिक निर्णयों के लिए अभी इंतजार करना होगा।
शपथ ग्रहण समारोह की समयावधि और प्रक्रिया
5 दिसंबर को होने वाला शपथ ग्रहण समारोह महाराष्ट्र की राजनीति के इतिहास में एक विशेष दिन होगा। इस समारोह में महायुती के तीन बड़े नेता ही शपथ लेंगे—देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के रूप में, जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में। सूत्रों के मुताबिक, शपथ ग्रहण के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया की जाएगी, लेकिन इस बारे में अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
दिल्ली से हरी झंडी मिल चुकी है, लेकिन बाकी मंत्रियों के नामों की घोषणा अभी बाकी है। इस समय महायुती में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है, और यह राजनीतिक निर्णय बाद में लिया जाएगा।
शिवसेना का दबाव, लेकिन निर्णय एकनाथ शिंदे का
शिवसेना के वरिष्ठ नेता दीपक केसरकर ने यह साफ किया है कि उनकी पार्टी चाहती है कि एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बनें और कैबिनेट में शामिल हों। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह शिंदे का व्यक्तिगत निर्णय होगा कि वे इस पद को स्वीकार करते हैं या नहीं। केसरकर ने देवेंद्र फडणवीस के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि वे भी मुख्यमंत्री बनने के बाद उपमुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। शिंदे पर शिवसेना का दबाव तो है, लेकिन निर्णय उनका ही होगा। ऐसे में शिंदे के निर्णय को लेकर राज्य की राजनीति में खलबली मची हुई है।
महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़
महायुती के तीन बड़े नेताओं का शपथ ग्रहण महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई दिशा का संकेत दे रहा है। इस निर्णय से गठबंधन में स्थिरता की उम्मीद जताई जा रही है, और महाराष्ट्र की राजनीतिक तस्वीर को एक नए रंग में देखा जा रहा है। हालांकि, मंत्रिमंडल विस्तार और अन्य बड़े फैसले बाद में लिए जाएंगे, और तब तक राज्य की राजनीति में सस्पेंस बना रहेगा। यह शपथ ग्रहण राज्य में भविष्य की राजनीतिक दिशा को निर्धारित करेगा, और महायुती के इस कदम से सरकार में एक मजबूत नेतृत्व की संभावना को बल मिलेगा।
दिल्ली का खेल और संजय राउत का बयान
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल और बढ़ गई है, जब शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महायुती पर निशाना साधते हुए कहा, “महाराष्ट्र में एक खेल चल रहा है। एकनाथ शिंदे कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं, तो फिर मुख्यमंत्री का नाम अब तक क्यों घोषित नहीं किया गया?” राउत ने इस स्थिति को लेकर दिल्ली के हाथों में महाराष्ट्र की राजनीतिक फैसले लेने का आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि 10 दिन से ज्यादा वक्त हो चुका है, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री का नाम क्यों नहीं घोषित किया गया। उनका यह बयान राज्य की राजनीति में और गहरी हलचल पैदा कर गया है, और अब तक का खेल पूरी तरह से दिल्ली के इशारों पर हो रहा है, यह स्पष्ट किया गया है।