Schools Closed: मध्य प्रदेश के जिले शिवपुरी की तहसील करैरा में 2 से 9 दिसंबर तक स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। इस निर्णय के पीछे खास कारण है – बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा श्रीमद्भागवत महापुराण का आयोजन। इस धार्मिक आयोजन के दौरान लाखों लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है, जिसके कारण प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया। विशेष रूप से शहर के अंदर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, और स्कूल बसें भी इस अवधि के दौरान नहीं चल सकेंगी।
यह फैसला बच्चों के लिए खुशी का कारण बन गया है, क्योंकि उन्हें इस दौरान लंबी छुट्टी मिल रही है। हालांकि, बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट न हो, इसके लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। प्रशासन ने इस बात का ध्यान रखा है कि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो, इसलिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई है। 10 दिसंबर को सभी स्कूल पहले की तरह खुलेंगे और पढ़ाई फिर से शुरू होगी।
शिवपुरी में स्कूल बंद क्यों किए गए?
शिवपुरी जिले के करैरा तहसील में स्कूलों के बंद होने के पीछे प्रमुख कारण है बागेश्वर धाम के श्रीमद्भागवत महापुराण का आयोजन। इस आयोजन में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। प्रशासन ने भारी भीड़ और यातायात की समस्याओं को देखते हुए स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, इस अवधि के दौरान शहर में वाहनों की आवाजाही पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, ताकि आयोजन में आए श्रद्धालु बिना किसी रुकावट के पहुंच सकें।
स्कूल बंद होने के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं
शिवपुरी के करैरा तहसील में 2 से 9 दिसंबर तक स्कूल बंद होने के बावजूद, बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी न हो, इसके लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। यह निर्णय प्रशासन ने बच्चों के शैक्षिक नुकसान को देखते हुए लिया है। इस समय में, छात्रों को उनकी नियमित पढ़ाई ऑनलाइन मोड के जरिए जारी रखने का अवसर मिलेगा। 10 दिसंबर से स्कूलों का संचालन सामान्य रूप से पुनः शुरू होगा।
मध्य प्रदेश में शीतकालीन अवकाश की घोषणा
मध्य प्रदेश सरकार ने 31 दिसंबर से 4 जनवरी 2025 तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा की है। यह आदेश राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के लिए लागू होगा। इस अवधि में बच्चों को ठंडे मौसम से राहत मिलेगी और वे छुट्टियों का आनंद ले सकेंगे। यह अवकाश हर साल की तरह इस बार भी घोषित किया गया है। शीतकालीन अवकाश की घोषणा उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी की जाती है, लेकिन अभी तक अन्य राज्यों ने इसकी घोषणा नहीं की है।