लोहड़ी का पर्व पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली समेत कई राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है और इसमें पंजाबी लोकगीत, नृत्य और पारंपरिक पोशाक की परंपरा है। इस दिन लोग आग जलाकर उसकी परिक्रमा करते हैं। इस बार लोहड़ी 13 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।
लोहड़ी के अवसर पर छात्रों और अभिभावकों के बीच यह सवाल सबसे ज्यादा चर्चा में है कि क्या दिल्ली, यूपी, गाजियाबाद, नोएडा और अन्य क्षेत्रों के स्कूलों में छुट्टी होगी। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि विभिन्न क्षेत्रों में लोहड़ी की छुट्टी को लेकर क्या स्थिति है।
लोहड़ी पर दिल्ली स्कूलों की छुट्टी 2025 (Lohri Holiday In Delhi School 2025)
दिल्ली में सीबीएसई (CBSE), आईसीएसई (ICSE) और अन्य बोर्ड के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में शीतकालीन अवकाश (Winter Vacation) 25 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक निर्धारित किया गया है। इसका मतलब है कि लोहड़ी के अवसर पर भी स्कूल बंद रहेंगे। स्कूल अब 15 जनवरी 2025 से संचालित होंगे।
छात्र और अभिभावक अक्सर इस दौरान छुट्टियों का लाभ उठाते हैं, खासकर लोहड़ी के उत्सव में शामिल होने के लिए। दिल्ली के स्कूलों में लोहड़ी की छुट्टी की यह स्थिति हर साल लगभग एक जैसी रहती है।
उत्तर प्रदेश के स्कूलों में लोहड़ी की छुट्टी (Lohri Holiday In UP Schools 2025)
उत्तर प्रदेश में सरकारी और निजी स्कूलों में भी 31 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। ऐसे में यूपी के स्कूलों में भी लोहड़ी के दिन छुट्टी रहेगी।
मेरठ, लखनऊ, आगरा और अन्य शहरों के स्कूल 15 जनवरी से पुनः खुलेंगे। छात्रों और शिक्षकों को इस छुट्टी के दौरान त्योहार मनाने और परिवार के साथ समय बिताने का अवसर मिलेगा।
गाजियाबाद और नोएडा के स्कूलों की स्थिति (Lohri Holiday In Ghaziabad Schools 2025)
गाजियाबाद और नोएडा के स्कूलों में भी लोहड़ी के अवसर पर छुट्टी रहेगी। इन क्षेत्रों के सभी स्कूलों में कक्षा 8वीं तक 14 जनवरी तक विंटर वेकेशन है।
गाजियाबाद में छात्र लगातार यह सर्च कर रहे हैं कि क्या 13 जनवरी को स्कूल खुले रहेंगे। लेकिन स्पष्ट है कि यहां भी लोहड़ी के अवसर पर सभी स्कूल बंद रहेंगे और छात्रों को त्योहार मनाने का पूरा मौका मिलेगा। नोएडा के स्कूलों की स्थिति भी गाजियाबाद जैसी ही है।
लोहड़ी की परंपरा और उत्सव
लोहड़ी का पर्व कृषि और फसल कटाई से जुड़ा है। इस दिन विशेषत: पंजाब और हरियाणा में लोग अपने खेतों में अच्छी फसल के लिए भगवान का धन्यवाद करते हैं। शाम के समय आग जलाकर उसकी परिक्रमा की जाती है और तिल, गुड़, रेवड़ी और मूंगफली आग में अर्पित की जाती है।
लोहड़ी के दिन पंजाबी लोकगीत और भांगड़ा-गिद्दा नृत्य का विशेष महत्व है। पारंपरिक पोशाक और रंग-बिरंगी सजावट इस त्योहार को और भी खूबसूरत बनाती है।
लोहड़ी और स्कूलों में छुट्टियों का महत्व
छात्रों और शिक्षकों के लिए लोहड़ी की छुट्टियां उत्सव मनाने का एक बड़ा अवसर हैं। शीतकालीन अवकाश के दौरान स्कूल बंद रहने से लोग परिवार के साथ त्योहार का आनंद लेते हैं।
दिल्ली, यूपी और एनसीआर के स्कूलों में पहले से निर्धारित विंटर वेकेशन के कारण लोहड़ी का दिन आराम और खुशियों से भरा रहेगा। यह छुट्टियां छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी मानी जाती हैं।