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लखनऊ में 13 हजार एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण, बसाई जाएंगी कॉलोनियां, 24 गांवों की जमीन पर नजर LDA Land Acquisition Lucknow

24 गांवों की जमीन पर नजर, कॉलोनियों से लेकर मेट्रो-इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट तक का मास्टरप्लान तैयार! जानिए किन इलाकों में शुरू होगा सबसे बड़ा Land Acquisition और किसे मिलेगा मुआवजा पूरी जानकारी अंदर।

By PMS News
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लखनऊ में 13 हजार एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण, बसाई जाएंगी कॉलोनियां, 24 गांवों की जमीन पर नजर LDA Land Acquisition Lucknow
लखनऊ में 13 हजार एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण, बसाई जाएंगी कॉलोनियां, 24 गांवों की जमीन पर नजर LDA Land Acquisition Lucknow

लखनऊ में भूमि अधिग्रहण-Land Acquisition की प्रक्रिया ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने शहर की विकास योजनाओं को विस्तार देने के लिए 24 गांवों से करीब 13 हजार एकड़ जमीन के अधिग्रहण की योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत कॉलोनियों की स्थापना से लेकर स्मार्ट सिटी, औद्योगिक कॉरिडोर और मेट्रो रेल जैसी परियोजनाओं को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया गया है।

लखनऊ के चार प्रमुख क्षेत्रों से होगी जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया

LDA द्वारा चयनित गांव लखनऊ की चार प्रमुख तहसीलों—मोहनलालगंज, बक्शी का तालाब, सरोजनी नगर और मलिहाबाद—से आते हैं। इन क्षेत्रों में कुल 24 गांवों की जमीन का सर्वे किया गया है, और भूमि अधिग्रहण की औपचारिक प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

मोहनलालगंज क्षेत्र में सेलहुमऊ, हरई, केऊली, सरई गण्धौली, सदरापुर, पुरनपुर दहियरमऊ, गोपालखेरा और पुरबगांव पल्हरी जैसे गांवों से 6,000 एकड़ भूमि अर्जित की जाएगी। इसी तरह बक्शी का तालाब क्षेत्र से गोहानाकलां, दिनकरपुर जलावां, सोनवा, धनौरी, नगवानऊ खुद, अस्ति, नगवामऊ कला, दिनगौरपुर, भीखमपुर और सिंहामऊ से लगभग 2,950 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी।

सरोजनी नगर क्षेत्र के गांव शिवपुरी, पालपुर, बनगांव और माती से 2,470 एकड़ भूमि ली जाएगी, जबकि मलिहाबाद के फतेह नगर और माल्हा कटौली गांवों से 1,520.133 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव है।

कॉलोनियों और विकास परियोजनाओं को मिलेगी नई दिशा

LDA की इस योजना के तहत न केवल नए आवासीय कॉलोनियों का निर्माण किया जाएगा, बल्कि इससे लखनऊ की मौजूदा विकास योजनाओं को भी नई रफ्तार मिलेगी। स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, औद्योगिक कॉरिडोर और मेट्रो रेल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट्स को इससे सीधा लाभ पहुंचेगा। इससे शहर का विस्तार सुनियोजित ढंग से होगा और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

लखनऊ जनकल्याण महासमिति के सचिव विवेक शर्मा का कहना है कि इस योजना से शहर में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। मोहनलालगंज और बक्शी का तालाब जैसे क्षेत्रों में सड़कों, उद्योगों और अन्य बुनियादी संरचनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, जिसे अब पूरा किया जा सकेगा।

पारदर्शिता और जवाबदेही होगी प्राथमिकता

LDA उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इस भूमि अधिग्रहण-Land Acquisition प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की बात कही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्थानीय ग्रामीणों से सीधे संवाद करें, उनकी चिंताओं को समझें और समाधान प्रस्तुत करें। हर बुधवार शाम 6 बजे प्रगति समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें परियोजना की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

इसके साथ ही, भूमि मालिकों को उचित मुआवजा देने, पुनर्वास की सुविधाएं सुनिश्चित करने और कानूनी प्रक्रिया का पालन करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे सामाजिक संतुलन बना रहे और किसी प्रकार की असहमति या टकराव की स्थिति उत्पन्न न हो।

भविष्य की योजनाएं और ग्रामीण विकास पर फोकस

LDA की इस व्यापक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया से लखनऊ में आगामी वर्षों में कई बड़े प्रोजेक्ट्स को जमीन मिल सकेगी। स्मार्ट सिटी परियोजना, मेट्रो रेल विस्तार और औद्योगिक कॉरिडोर जैसे हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट्स को अब आवश्यक भूमि की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा।

इस योजना के अंतर्गत यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जाए। नई कॉलोनियों के निर्माण के साथ ही बिजली, पानी, सड़क और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संतुलन बना रह सके।

लखनऊ में शुरू हुई यह भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया केवल रियल एस्टेट या इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय में शहर की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी एक नई दिशा देने का काम करेगी।

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