
नाग या नागिन के बदला लेने की कहानी हमारे देश की कहानियों, फिल्मों और धार्मिक कथाओं में बहुत बार सुनने को मिलती है। लोगों का मानना है कि अगर किसी ने नाग या नागिन को मार दिया, तो उसका साथी इंसान का पीछा करके उसका बदला लेता है। लेकिन अगर हम इसे वैज्ञानिक नजरिए से देखें, तो यह सिर्फ एक कल्पना है। सांपों के शरीर और दिमाग की बनावट ऐसी नहीं होती कि वे किसी को पहचानकर उसका पीछा कर सकें या बदला लेने के लिए सोच सकें।
क्या सांपों को कुछ याद रहता है?
सांपों की याददाश्त बहुत कमज़ोर होती है। वे किसी इंसान या घटना को लंबे समय तक याद नहीं रख सकते। अगर आपने किसी सांप को नुकसान पहुँचाया हो, तो वह आपको बाद में पहचान नहीं पाएगा। इंसानों की तरह उनमें सोचने और याद रखने की समझ नहीं होती।
क्या सांपों के रिश्ते होते हैं?
सांप अकेले रहना पसंद करते हैं। वे किसी झुंड या परिवार में नहीं रहते, न ही उनका किसी दूसरे सांप से गहरा रिश्ता होता है। अगर किसी सांप का साथी मारा जाता है, तो दूसरा सांप उसे ढूंढने या उसका बदला लेने नहीं आता। ये सब फिल्मी कहानियों की बातें हैं।
सांप क्यों काटते हैं?
सांप किसी को बिना कारण नहीं काटते। जब उन्हें खुद पर खतरा महसूस होता है, तभी वे हमला करते हैं। उनका काटना आत्मरक्षा में होता है, न कि गुस्से या बदले की भावना से। अगर आप किसी सांप के पास जाएं या उसे छेड़ें, तो वह डर कर काट सकता है।
फेरोमोन की भूमिका
कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि जब कोई सांप मरता है, तो वह अपने शरीर से एक खास तरह की गंध छोड़ता है, जिसे फेरोमोन कहा जाता है। दूसरे सांप उस गंध को सूंघकर समझ सकते हैं कि वहां कोई और सांप मरा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे बदला लेने आते हैं। यह सिर्फ उनके बीच की एक प्राकृतिक सूचना प्रणाली है।
धार्मिक और लोक मान्यताएं
हमारे देश में नागों को लेकर बहुत सी धार्मिक और पुरानी कहानियां हैं। जैसे नाग पंचमी पर पूजा की जाती है, मंदिरों में नाग देवता की मूर्तियाँ होती हैं, और फिल्मों में नागिन को इंसानी रूप में दिखाया जाता है जो बदला लेती है। ये सब कहानियां लोगों की आस्था और मनोरंजन के लिए बनाई गई हैं, न कि वैज्ञानिक आधार पर।