ओडिशा के राजेंद्र कुमार नायक ने CNBC-आवाज़ के पर्सनल फाइनेंस शो ‘योर मनी’ में अपने SIP पोर्टफोलियो का विश्लेषण कराया। वे 28,000 रुपये की मंथली SIP कर रहे हैं, जिसमें पोर्टफोलियो वैल्यू 9 लाख रुपये है। उनका 10 साल में 1 करोड़ रुपये का लक्ष्य है। उनके पोर्टफोलियो में निम्नलिखित फंड शामिल हैं:
- निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप
- एचडीएफसी ईएलएसएस टैक्स सेवर
- एचडीएफसी मिड कैप
- एबीएसएल पीएसयू इक्विटी
- एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड
- क्वांट इंफ्रास्ट्रक्चर
- आईसीआईसीआई प्रू इनोवेशन
- फ्रैंकलिन इंडिया ईएलएसएस
- एचडीएफसी डिविडेंड यील्ड
विशेषज्ञ की राय
एक्सिस सिक्योरिटीज के ऑनलाइन बिजनेस प्रमुख समीर शाह ने राजेंद्र कुमार के पोर्टफोलियो का गहन विश्लेषण किया। उनका कहना है कि वर्तमान पोर्टफोलियो को 12% की औसत रिटर्न दर से 15 साल में लगभग 3.5 करोड़ रुपये का कॉर्पस तैयार हो सकता है। हालांकि, बेहतर प्रदर्शन और जोखिम प्रबंधन के लिए इसमें बदलाव की जरूरत है।
पोर्टफोलियो में सुधार के सुझाव
- AMC पर निर्भरता कम करें: 40% निवेश एक ही AMC (Asset Management Company) में है। इसे घटाकर 20% करना जरूरी है।
- डायवर्सिफिकेशन बढ़ाएं: अलग-अलग AMC और फंड्स में निवेश से रिस्क कम होता है और बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
- फंड्स का सही चयन: बेहतर प्रदर्शन करने वाले फंड्स को शामिल करें और कमजोर प्रदर्शन वाले फंड्स को हटा दें।
कौन से फंड्स को बदलें?
समीर शाह ने सुझाव दिया कि राजेंद्र कुमार को निम्नलिखित फंड्स से निकल जाना चाहिए:
- एचडीएफसी मिड कैप फंड – इसे मोतीलाल ओसवाल मिड कैप फंड से रिप्लेस करें।
- क्वांट इंफ्रास्ट्रक्चर – इसे एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड में मर्ज करें।
- एबीएसएल पीएसयू इक्विटी – इसे आईसीआईसीआई प्रू ब्लूचिप फंड से बदलें।
- आईसीआईसीआई प्रू इनोवेशन – इसे भी आईसीआईसीआई प्रू ब्लूचिप फंड से रिप्लेस करें।
नए फंड्स में निवेश की सलाह
विशेषज्ञों ने राजेंद्र कुमार को निम्नलिखित फंड्स में निवेश की सिफारिश की:
- मोतीलाल ओसवाल मिड कैप फंड
- आईसीआईसीआई प्रू ब्लूचिप फंड
डायवर्सिफिकेशन क्यों है जरूरी?
डायवर्सिफिकेशन किसी भी निवेश रणनीति का मुख्य हिस्सा है। निवेशकों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उनका पूरा निवेश किसी एक एसेट क्लास में न हो। म्यूचुअल फंड्स में भी इक्विटी, डेट, और हाइब्रिड जैसे विभिन्न एसेट क्लास होते हैं, जिनकी जोखिम और वेल्थ क्रिएशन की क्षमताएं भिन्न होती हैं।
सही एसेट क्लास का चयन कैसे करें?
- इक्विटी फंड्स: उच्च जोखिम और दीर्घकालिक वेल्थ क्रिएशन के लिए।
- डेट फंड्स: स्थिर और सुरक्षित रिटर्न के लिए।
- हाइब्रिड फंड्स: इक्विटी और डेट का संतुलन।