
भारत जल्द ही सैटेलाइट कम्युनिकेशन के क्षेत्र में एक बड़ी छ्लांग लगाने जा रहा है। Indian Space Research Organisation (ISRO) सितंबर 2025 में अमेरिका के कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लॉक-2 ब्लू बर्ड (Block-2 Blue Bird) को लॉन्च करने की तैयारी में है। यह सैटेलाइट धरती और अंतरिक्ष के बीच सीधा कनेक्शन स्थापित करेगा, जिससे बिना पारंपरिक मोबाइल नेटवर्क के भी कॉल और इंटरनेट का इस्तेमाल संभव हो पाएगा।
LVM-3-M5 रॉकेट से होगा लॉन्च
ISRO के चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि 6,500 किलोग्राम वजनी इस सैटेलाइट को भारत के सबसे भारी रॉकेट LVM-3-M5 के जरिए श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते अंतरिक्ष सहयोग का एक और उदाहरण है। इससे पहले 30 जुलाई को ISRO ने NASA के साथ मिलकर दुनिया का सबसे महंगा अर्थ ऑब्जर्वेशन मिशन NISAR को लॉन्च किया था।
हाईस्पीड डेटा और कॉल कनेक्टिविटी
‘ब्लॉक-2 ब्लू बर्ड’ में बड़े कम्युनिकेशन एरे लगाए गए हैं, जिनका आकार 2,400 वर्ग फीट तक है। इनकी मदद से सैटेलाइट 120Mbps तक की डेटा स्पीड प्रदान कर सकेगा। इसका मतलब यह है कि यूजर्स अपने स्मार्टफोन से कॉल कर पाएंगे, इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे और हाई-क्वालिटी वीडियो देख पाएंगे, वो भी बिना किसी स्पेशल टर्मिनल या रिसीवर डिवाइस के।
AST & Science की तकनीक से सीधा मोबाइल कनेक्शन
यह सैटेलाइट AST & Science की तकनीक पर आधारित होगा, जिससे मोबाइल फोन सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट हो सकेंगे। यह 3GPP-स्टैंडर्ड फ्रीक्वेंसी का उपयोग करेगा, जो दुनियाभर के बड़े टेलीकॉम नेटवर्क के साथ संगत होगी। इसके लिए कई ग्लोबल सेलुलर सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ पार्टनरशिप की गई है।
सितंबर 2025 में भारत पहुंचेगा सैटेलाइट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘ब्लॉक-2 ब्लू बर्ड’ सैटेलाइट सितंबर 2025 में भारत पहुंचेगा और इसके तुरंत बाद लॉन्च की प्रक्रिया शुरू होगी। लॉन्च के बाद यह सैटेलाइट मोबाइल नेटवर्क के बिना भी दुनिया के दूरदराज इलाकों में कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा।
सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस का बढ़ता बाजार
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। एलन मस्क की Starlink को भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा, जियो (Jio) और एयरटेल (Airtel) जैसी कंपनियां भी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इस क्षेत्र में ISRO का यह नया कदम भारत को सैटेलाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में अग्रणी देशों की श्रेणी में खड़ा कर सकता है।
ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों को मिलेगा बड़ा फायदा
यह तकनीक खासकर उन क्षेत्रों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी, जहां अभी मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की पहुंच सीमित है। पहाड़ी, जंगल और समुद्री इलाकों में भी लोग अपने फोन से सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट होकर बातचीत कर पाएंगे और इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे।