Weather Forecast: भारत के उत्तरी और मध्य भागों में ठंड का मौसम अपने चरम पर पहुंचने की ओर है। ECMWF (यूरोपीय सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट्स) के अनुसार, 9 से 16 दिसंबर के बीच इन क्षेत्रों में तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की जाएगी। दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित अन्य क्षेत्रों में तापमान सामान्य से 3 से 6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहने का अनुमान है। इस बदलाव के चलते सर्दी का अनुभव और तीव्र हो सकता है।
ठंड का मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में सर्दियां सामान्य से अधिक ठंडी हो सकती हैं। खासकर उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में तापमान औसत सामान्य तापमान से 2 डिग्री तक नीचे जा सकता है। ECMWF के पूर्वानुमान के अनुसार, इस ठंड का असर कृषि, स्वास्थ्य, और दैनिक जीवन पर व्यापक रूप से पड़ने वाला है।
मध्य और पूर्वी भारत के निवासियों को भी इस सर्दी के दौरान सामान्य से अधिक ठंड का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि लोग ठंड से बचने के उपायों पर अभी से ध्यान दें और अपने परिवारों को सुरक्षित रखने की तैयारी करें।
ठंड के बढ़ते प्रभाव का कृषि पर असर
कृषि क्षेत्र पर ठंड के इस बढ़ते प्रभाव को लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। फसलों को कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए किसानों को फसलों की सिंचाई, मल्चिंग, और समय पर देखभाल के उपायों पर ध्यान देना होगा। ठंडी हवाओं और पाला पड़ने के कारण फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर असर पड़ सकता है, इसलिए किसानों को मौसम के पूर्वानुमानों पर नजर रखनी चाहिए। यह समय कृषि के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
स्वास्थ्य पर ठंड का प्रभाव
सर्दियों के दौरान ठंड का प्रभाव स्वास्थ्य पर भी गहरा पड़ता है। कम तापमान से ठंड से संबंधित बीमारियों जैसे हाइपोथर्मिया, ठंड लगने, और सर्दी-जुकाम का खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को इस दौरान अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। गर्म कपड़े पहनना, संतुलित आहार लेना, और पर्याप्त गर्माहट बनाए रखना बेहद जरूरी है।