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क्या सच में स्वर्ण मंदिर में तैनात हुई एयर डिफेंस गन? कमेटी का आया जवाब

स्वर्ण मंदिर में एयर डिफेंस गन तैनात होने की खबरों ने देशभर में मचाया हड़कंप। सोशल मीडिया पर वायरल रिपोर्ट्स के बीच लोगों में फैली बेचैनी। क्या सच में था कोई सैन्य इंतजाम? अब सेना और SGPC दोनों ने सामने आकर किया बड़ा खुलासा। ऑपरेशन सिंदूर की पूरी हकीकत जानकर आप हैरान रह जाएंगे!

By PMS News
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क्या सच में स्वर्ण मंदिर में तैनात हुई एयर डिफेंस गन? कमेटी का आया जवाब
क्या सच में स्वर्ण मंदिर में तैनात हुई एयर डिफेंस गन? कमेटी का आया जवाब

भारतीय सेना ने हाल ही में जारी एक आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब (स्वर्ण मंदिर – Golden Temple) परिसर में कोई भी एयर डिफेंस गन या वायु रक्षा प्रणाली (Air Defence System) तैनात नहीं की गई थी। यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्टों के जवाब में आया है, जिनमें दावा किया गया था कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच स्वर्ण मंदिर परिसर को संभावित ड्रोन या मिसाइल हमले से बचाने के लिए वहां रक्षा उपकरण लगाए गए थे।

मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए दावे पूरी तरह से असत्य – सेना

भारतीय सेना ने मंगलवार को प्रेस बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में किसी भी प्रकार की वायु रक्षा प्रणाली तैनात नहीं की गई थी। सेना ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा इस संबंध में भ्रामक खबरें प्रसारित की जा रही हैं, जिनमें यह दावा किया गया था कि मंदिर परिसर में एयर डिफेंस गन लगाई गई थी। सेना ने इन दावों को “तथ्यहीन और भ्रामक” बताया है।

सेना के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा और निगरानी को बेहतर बनाना था, न कि धार्मिक स्थलों में सैन्य उपकरणों की तैनाती करना। इस तरह की रिपोर्टें न केवल भ्रम फैलाती हैं बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचा सकती हैं।

SGPC का भी साफ इनकार – किसी से संपर्क नहीं किया गया

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने भी इन मीडिया रिपोर्टों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सेना की ओर से न तो उनसे किसी तरह का संपर्क किया गया, और न ही उन्होंने किसी को स्वर्ण मंदिर में सैन्य उपकरण लगाने की अनुमति दी।

धामी ने आगे बताया कि हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन द्वारा केवल ब्लैकआउट के समय मंदिर की बाहरी और ऊपरी रोशनियों को बंद रखने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि SGPC ने धार्मिक मर्यादाओं का पालन करते हुए इस अनुरोध को स्वीकार किया, लेकिन जहां धार्मिक क्रियाएं चल रही थीं, वहां की रोशनी को बंद नहीं किया गया।

धार्मिक पदाधिकारियों ने भी खंडन किया, कहा – श्रद्धालु जरूर देखते

स्वर्ण मंदिर के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह और अतिरिक्त प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी अमरजीत सिंह ने भी इन खबरों को “झूठा और बेबुनियाद” बताया। अमरजीत सिंह ने कहा कि यदि वास्तव में कोई एयर डिफेंस गन या मिलिट्री उपकरण मंदिर परिसर में लगाए जाते, तो वहां हर दिन आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की नजरों से वह कैसे छुपते?

उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें न सिर्फ श्रद्धालुओं को भ्रमित करती हैं, बल्कि धार्मिक स्थलों की गरिमा को भी नुकसान पहुंचाती हैं। ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि देश और सेना की भूमिका संकट की घड़ी में सराहनीय रही है, लेकिन मीडिया को जिम्मेदारी के साथ खबरें प्रसारित करनी चाहिए।

श्री दरबार साहिब में सभी धार्मिक गतिविधियां सुचारु रूप से जारी रहीं

SGPC और मंदिर पदाधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर या किसी अन्य सुरक्षा उपायों के दौरान श्री दरबार साहिब में लंगर सेवा, अखंड पाठ, कीर्तन, और अन्य सभी धार्मिक गतिविधियां नियमित रूप से और पूरी मर्यादा के साथ होती रहीं। किसी भी सरकारी या सैन्य एजेंसी ने धार्मिक गतिविधियों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया।

धामी ने कहा कि SGPC भारतीय सेना का सम्मान करती है, लेकिन झूठी और भ्रामक खबरों को फैलाकर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस पूरे मामले पर और भी स्पष्टता लाने की मांग की है।

ऑपरेशन सिंदूर: नाम के पीछे की संवेदनशीलता

“ऑपरेशन सिंदूर” एक बेहद संवेदनशील नाम है, जिसे लेकर पहले से ही जनता में मिश्रित भावनाएं देखी जाती हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सीमा तनाव और संभावित ड्रोन हमलों की आशंका के बीच इस ऑपरेशन का नाम सामने आया। लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि ऑपरेशन केवल निगरानी और सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से चलाया गया था, और इसका धार्मिक स्थलों से कोई सीधा संबंध नहीं था।

डिजिटल मीडिया पर वायरल खबरों से बढ़ी भ्रम की स्थिति

गौरतलब है कि सोशल मीडिया और कुछ डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह खबर तेजी से वायरल हो गई थी कि भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर परिसर में ड्रोन हमले की आशंका के चलते एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया है। इन खबरों के चलते न केवल देशभर में बल्कि विदेशों में बसे सिख समुदाय के बीच भी चिंता की लहर दौड़ गई थी।

लेकिन अब सेना और SGPC दोनों की ओर से आए स्पष्ट बयानों के बाद स्थिति साफ हो गई है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया था।

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