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Income Tax On Property: 40% घट गया प्रॉपर्टी बेचने पर टैक्स, लेकिन अब देना होगा पौने दो गुना ज्यादा पैसा

बजट 2024 में प्रॉपर्टी बेचने पर LTCG टैक्‍स को घटाकर 12.5% कर दिया गया है, लेकिन इंडेक्‍सेशन बेनिफिट को हटा दिया गया है। इससे पहले के मुकाबले अब अधिक टैक्‍स देना पड़ेगा, क्योंकि मुनाफे पर महंगाई का असर नहीं होगा। इस बदलाव से प्रॉपर्टी बेचने वालों को गंभीर रूप से विचार करने की जरूरत होगी।

By PMS News
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Income Tax On Property: 40% घट गया प्रॉपर्टी बेचने पर टैक्स, लेकिन अब देना होगा पौने दो गुना ज्यादा पैसा
Income Tax On Property

बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित किए गए कुछ अहम बदलावों ने प्रॉपर्टी बाजार को एक नया मोड़ दे दिया है। खासकर उन लोगों को यह बदलाव एक तगड़ा झटका देने वाला साबित हो सकता है, जो प्रॉपर्टी बेचने के बाद इंडेक्‍सेशन के लाभ का उपयोग करते थे। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे यह बदलाव प्रॉपर्टी बेचने पर होने वाले टैक्‍स (Tax on Property) पर असर डालेगा, और इसके तहत प्रॉपर्टी बेचने के दौरान आपको अब कितना टैक्‍स देना होगा।

LTCG टैक्‍स में कमी, लेकिन इंडेक्‍सेशन बेनिफिट का नुकसान

23 जुलाई को बजट 2024 में वित्त मंत्री ने लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्‍स में राहत की घोषणा की थी। पहले 20% LTCG टैक्‍स का भुगतान करना पड़ता था, जिसे अब घटाकर 12.5% कर दिया गया है। पहली नजर में यह एक बड़ा फायदा प्रतीत हो सकता है, क्योंकि इससे प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाला टैक्‍स कम हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर, अगर आपको पहले किसी प्रॉपर्टी पर 1 लाख रुपये का टैक्‍स देना पड़ता था, तो अब आपको केवल 60 हजार रुपये ही देना होगा। इस हिसाब से 40% टैक्‍स की कमी तो आ रही है, लेकिन इसमें एक बड़ा ट्विस्ट भी है।

वित्त मंत्री ने इसके साथ-साथ एक और अहम बदलाव किया है, जो प्रॉपर्टी बेचने वाले लोगों को तगड़ा झटका दे सकता है। इंडेक्‍सेशन बेनिफिट (Indexation Benefit) को अब पूरी तरह से हटा दिया गया है। यह बेनिफिट प्रॉपर्टी के बेचे जाने पर लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स के लिए मुनाफे पर लगने वाले टैक्‍स को घटाने का एक तरीका था। इंडेक्‍सेशन के जरिए महंगाई के हिसाब से प्रॉपर्टी के मुनाफे की कीमत को एडजस्‍ट किया जाता था, जिससे कम टैक्‍स देना पड़ता था। अब, इस बेनिफिट के बिना, आपको पूरी कमाई पर टैक्‍स चुकाना होगा, जो पहले से अधिक होगा।

इंडेक्‍सेशन का कैसे होता था हिसाब?

इंडेक्‍सेशन एक टूल था, जो महंगाई के असर को प्रॉपर्टी के मुनाफे में जोड़कर टैक्‍स को कम करता था। इसे समझने के लिए हमें कॉस्‍ट इंफ्लेशन इंडेक्‍स (CII) का उपयोग करना होता था। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने साल 2000 में कोई प्रॉपर्टी 20 लाख रुपये में खरीदी और 2009 में इसे 35 लाख रुपये में बेच दिया। तो आपको इसके मुनाफे पर टैक्‍स लगता था, लेकिन इस मुनाफे को इंडेक्‍सेशन से घटा दिया जाता था।

इंडेक्‍सेशन का फार्मूला इस प्रकार था:

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Indexation = बेचे गए साल का CII / खरीदे गए साल का CII x प्रॉपर्टी खरीद की कीमत

इस फार्मूले के जरिए आपको प्रॉपर्टी पर हुए मुनाफे को महंगाई के हिसाब से एडजस्‍ट करना होता था। इसके बाद बची हुई रकम पर 20% LTCG टैक्‍स लगता था।

नए नियमों के तहत कितना टैक्‍स देना होगा?

अब, नए नियमों के तहत आपको इंडेक्‍सेशन का लाभ नहीं मिलेगा। चलिए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए आपने साल 2000 में 20 लाख रुपये में प्रॉपर्टी खरीदी और 2009 में 35 लाख रुपये में बेची। पहले, इस पर आपको केवल 5,07,712 रुपये पर 20% टैक्‍स देना पड़ता था, जिससे 1,01,542 रुपये का टैक्‍स बनता था। लेकिन अब इंडेक्‍सेशन के बिना आपको पूरे 15 लाख रुपये पर 12.5% टैक्‍स देना होगा, यानी 1,87,000 रुपये का भुगतान करना होगा।

इससे साफ है कि प्रॉपर्टी बेचने पर अब आपको पहले से अधिक टैक्‍स देना पड़ेगा, भले ही LTCG टैक्‍स दर कम हो गई हो।

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