बच्चों की उच्च शिक्षा की बढ़ती लागत हर माता-पिता के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने और वित्तीय बोझ को कम करने के लिए एक मजबूत एजुकेशन फंड बनाना अनिवार्य है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सही समय पर योजना बनाई जाए और समझदारी से निवेश किया जाए, तो 10 साल में 1 करोड़ रुपये का एजुकेशन फंड तैयार करना संभव है.
अनुशासित निवेश से होगा सपना साकार
एजुकेशन फंड बनाने के लिए अनुशासन और सही निवेश योजना सबसे महत्वपूर्ण हैं. म्यूचुअल फंड के सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) जैसे निवेश विकल्प, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), और यूनिट-लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान्स (ULIP) जैसे साधन आपके फंड को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. एक संगठित और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से आप न केवल अपने बच्चे के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि समय के साथ इंफ्लेशन के प्रभाव को भी कम कर सकते हैं.
1 करोड़ रुपये का फंड कैसे बनाएं?
10 साल में 1 करोड़ रुपये का एजुकेशन फंड तैयार करने के लिए मंथली SIP एक प्रभावी उपाय है. उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने ₹25,000 का निवेश करते हैं और सालाना 12% का औसत रिटर्न मिलता है, तो आप यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. कंपाउंडिंग का फायदा लेने के लिए निवेश जितना जल्दी शुरू होगा, उतना बेहतर होगा.
इसके साथ ही, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में निवेश से सुरक्षित रिटर्न मिलता है, जबकि शेयर बाजार में सोच-समझकर निवेश करने से उच्च रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है. एक विविध पोर्टफोलियो बनाकर आप अपने जोखिम को कम कर सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका फंड विभिन्न बाजार स्थितियों में सुरक्षित रहे.
इंफ्लेशन का ध्यान रखना जरूरी
शिक्षा की लागत हर साल औसतन 8-10% बढ़ रही है. इसका मतलब है कि अगर आज किसी कोर्स की फीस ₹10 लाख है, तो 10 साल बाद यह बढ़कर ₹20 लाख हो सकती है. इंफ्लेशन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए उच्च रिटर्न देने वाले निवेश विकल्पों को प्राथमिकता दें. SIP, इक्विटी म्यूचुअल फंड और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान इस दिशा में कारगर साबित हो सकते हैं.
निवेश करते समय ध्यान देने योग्य बातें
- एक स्पष्ट लक्ष्य आपके निवेश को प्रभावी बनाता है. यह तय करें कि आपको कितनी राशि और किस समय तक चाहिए.
- अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर निवेश विकल्प चुनें.
- लंबी अवधि में निवेश करने से कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है.
- केवल एक विकल्प पर निर्भर रहने के बजाय, अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं.