
भारत सरकार 7 मई 2025 को एक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने जा रही है, जो देश के 244 जिलों में एक साथ संचालित की जाएगी। यह मॉक ड्रिल आपातकालीन स्थितियों से निपटने की प्रशासनिक तैयारी का हिस्सा है। मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजना, अचानक बिजली कटौती, और लोगों का सुरक्षित स्थानों की ओर जाना जैसी घटनाएं होंगी। इसका उद्देश्य जनता और प्रशासन, दोनों की सतर्कता और प्रतिक्रिया की जांच करना है।
यह भी देखें: UP में नंबर प्लेट पर लिखे कोड से कैसे जानें किस जिले की है गाड़ी? देखें पूरी लिस्ट UP RTO District Code
कैसे काम करेगा मॉक ड्रिल प्लान
यह मॉक ड्रिल आपातकाल या युद्ध जैसी स्थिति की तैयारी के लिए की जा रही है। जब सायरन बजेगा, तब इसे एक हवाई हमले-Air Raid की चेतावनी माना जाएगा। इसके बाद कुछ समय के लिए ब्लैकआउट (Blackout) लागू किया जाएगा, यानी चारों ओर अंधेरा रहेगा, जिससे दुश्मन के विमानों को जमीन पर स्थित लक्ष्यों को पहचानने में परेशानी हो।
प्रशिक्षण और प्रक्रिया की पूरी रूपरेखा
इस ड्रिल के दौरान आम नागरिकों को यह सिखाया जाएगा कि आपातकाल के समय कैसे प्रतिक्रिया दें। नागरिकों को टॉर्च, जरूरी दस्तावेज, पानी और प्राथमिक चिकित्सा किट तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन की टीम घर-घर जाकर सिविल डिफेंस-Civil Defence की जानकारी भी दे रही है। विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नकली निकासी (evacuation), हवाई हमले से बचाव, और राहत कार्यों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
इन जिलों में होगा विशेष अभ्यास
यह अभ्यास उन 244 जिलों में होगा, जहां सिविल डिफेंस विभाग सक्रिय रूप से कार्य करता है। इनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले शामिल हैं। खासतौर से श्रीनगर, लेह, पुंछ, जम्मू, अमृतसर, गुरुग्राम, जामनगर जैसे संवेदनशील जिलों को चुना गया है।
कौन होंगे मॉक ड्रिल में शामिल
इस बड़े स्तर की ड्रिल में सिविल डिफेंस वार्डन्स, होम गार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) के सदस्य, स्कूली छात्र, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि और जिला प्रशासन की टीमें हिस्सा लेंगी। अभ्यास के बाद प्रत्येक जिले से “एक्शन टेकन रिपोर्ट” केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
यह भी देखें: अब हर जिले में खुलेंगे नए आधार सेवा केंद्र, आसानी से करवा पाएंगे आधार से जुड़े सारे काम Aadhaar Card Update
जनता को दिए गए विशेष निर्देश
सरकार ने साफ कहा है कि यह सिर्फ अभ्यास है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों को सायरन सुनते ही घर की लाइट बंद कर देनी होगी और संभावित सुरक्षित स्थान की ओर जाना होगा। नागरिकों को किसी भी स्थिति में अफवाह फैलाने से मना किया गया है, खासकर सोशल मीडिया पर। इस अभ्यास की वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी पर भी रोक लगाई गई है।
पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हो रहा अभ्यास
यह पहला मौका है जब 1971 के युद्ध के बाद इस पैमाने पर नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल की जा रही है। इसका मकसद न केवल सुरक्षा बलों को तैयार करना है, बल्कि आम नागरिकों को भी यह समझाना है कि आपातकालीन हालात में कैसे शांत और सतर्क रहकर कार्रवाई करनी चाहिए।
सरकार का संदेश
इस अभ्यास के जरिए सरकार यह संदेश देना चाहती है कि हर नागरिक अगर सजग हो जाए, तो देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत हो सकती है। आपदा प्रबंधन-Disaster Management केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास है जिसमें हर व्यक्ति की भूमिका अहम है।