
Train AC Coach Mystery को समझने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि भारतीय रेलवे अपने AC कोच को ठंडा रखने के लिए किस तरह के एसी सिस्टम का इस्तेमाल करता है। इनमें Roof Mounted Package Units (RMPU) का उपयोग होता है। प्रत्येक कोच में दो RMPU यूनिट्स होती हैं, जिनमें से हर एक की क्षमता लगभग 7 टन होती है। यानी कुल 14 टन की कूलिंग क्षमता सिर्फ एक डिब्बे में होती है।
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स्पेशल ट्रेनों में और भी अधिक कूलिंग क्षमता
कुछ विशेष ट्रेनों में जैसे कि मुंबई की पहली AC लोकल ट्रेन, RMPU की क्षमता और भी ज्यादा होती है। वहां एक कोच में दो 15 टन की यूनिट्स लगाई गई हैं, यानी कुल 30 टन की एयर कंडीशनिंग पावर। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि इन ट्रेनों में बार-बार दरवाजे खुलते-बंद होते हैं, और गर्मी से मुकाबला करने के लिए अधिक पावर की आवश्यकता होती है।
पूरा डिब्बा ठंडा कैसे रहता है?
RMPU न केवल कोच की हवा को ठंडा करते हैं, बल्कि यह सिस्टम हर घंटे कोच की हवा को करीब 16 से 18 बार पूरी तरह बदल देता है। इसका मतलब यह है कि यात्रियों को हर समय ताजी और साफ हवा मिलती है। इसके अलावा, तापमान और नमी नियंत्रण की सुविधाएं भी इनमें मौजूद होती हैं जिससे यात्रा आरामदायक बनती है।
AC की टन क्षमता का मतलब क्या है?
“टन” का मतलब होता है एक घंटे में 12,000 BTU (British Thermal Unit) की गर्मी को हटाना। 1 टन क्षमता वाला AC आम तौर पर लगभग 100 वर्गफुट के क्षेत्र को ठंडा कर सकता है। तो जब एक कोच में 14 टन की क्षमता हो, तो आप समझ सकते हैं कि इसकी ठंडक कितनी प्रभावशाली होगी।
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ट्रेन में लगे एसी यूनिट कितने मजबूत होते हैं?
रेलवे में लगे RMPU सिस्टम को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वे गर्मी, धूल-मिट्टी, झटकों और बिजली के उतार-चढ़ाव को सहन कर सकें। ये यूनिट्स रेलवे संचालन के लिए उपयुक्त परिस्थितियों में भी लंबे समय तक स्थिर प्रदर्शन देते हैं।
भविष्य की योजनाएं और रिन्यूएबल एनर्जी
भारतीय रेलवे लगातार इन सिस्टम्स को ऊर्जा दक्ष और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर कार्य कर रहा है। कुछ ट्रेनों में सोलर पैनल लगाए गए हैं जो इन यूनिट्स को सपोर्ट करते हैं। आने वाले समय में Renewable Energy आधारित तकनीकों को अपनाकर रेलवे अपने एसी सिस्टम को और भी स्मार्ट बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
सफर के अनुभव में बढ़ोतरी
Train AC Coach Mystery सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि यात्रियों के अनुभव से भी जुड़ा है। जब आप एक एसी कोच में बैठकर गर्मी में भी ठंडक महसूस करते हैं, तो यह उन इंजीनियरों और टेक्नोलॉजी का नतीजा होता है जो रेलवे को आधुनिक बना रहे हैं। अगली बार ट्रेन में बैठें, तो इस तकनीकी चमत्कार की सराहना जरूर करें।
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