उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि सभी परिषदीय विद्यालयों, सहायता प्राप्त, और मान्यता प्राप्त स्कूलों में शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक रहेगा। इस दौरान कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे। शीतकालीन अवकाश का यह निर्णय शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए राहत का प्रतीक है, जो उन्हें एक आवश्यक ब्रेक प्रदान करता है।
अर्धवार्षिक परीक्षाओं के बाद छुट्टियां
प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षाएं 23 दिसंबर से 28 दिसंबर के बीच आयोजित की गईं। परीक्षा के बाद परिणाम घोषित करने का समय शीतकालीन अवकाश के बाद तय किया गया है। यह कदम छात्रों को अवकाश के दौरान आराम और होमवर्क पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देगा।
शिक्षकों के लिए विशेष निर्देश
शीतकालीन अवकाश के दौरान छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए शिक्षकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे छात्रों को 15 दिनों का होमवर्क प्रदान करें। यह होमवर्क बच्चों को अपनी पढ़ाई नियमित रूप से जारी रखने में सहायक होगा।
सभी स्कूलों पर आदेश लागू
शासन का यह आदेश न केवल परिषदीय स्कूलों पर, बल्कि सीबीएसई- CBSE, आईसीएसई- ICSE समेत अन्य बोर्ड के मान्यता प्राप्त स्कूलों पर भी लागू होगा। कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूल इस अवकाश अवधि के दौरान बंद रहेंगे।
निर्देशों का सख्त अनुपालन
बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी स्कूल शीतकालीन अवकाश का पालन करें। किसी भी निजी स्कूल द्वारा आदेश का उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों और अभिभावकों के लिए राहत
यह अवकाश बच्चों और अभिभावकों के लिए राहत का समय है। बच्चे इस अवधि में न केवल आराम कर सकेंगे, बल्कि वे अपनी पढ़ाई को भी व्यवस्थित कर पाएंगे। अभिभावकों को बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने का अवसर मिलेगा।
स्कूल फिर कब खुलेंगे?
15 जनवरी 2025 को सभी विद्यालय अपने निर्धारित समय पर खुलेंगे। नए सत्र की शुरुआत के लिए छात्रों और शिक्षकों से पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ तैयार रहने की उम्मीद है।
बेसिक शिक्षा अधिकारियों की सख्ती
गोंडा समेत अन्य जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने सख्ती से कहा है कि शीतकालीन अवकाश के आदेश का पालन करना सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य है। किसी भी प्रकार के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शीतकालीन अवकाश का महत्व
शीतकालीन अवकाश बच्चों को पढ़ाई और आराम के बीच संतुलन बनाने का अवसर देता है। यह उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इस अवकाश से बच्चे नए जोश और उत्साह के साथ पढ़ाई में जुट सकेंगे।