हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने हाल ही में छुट्टियों का नया शेड्यूल जारी किया है, जो ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन स्कूलों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इस शेड्यूल में बदलावों को मौसम, आपातकालीन परिस्थितियों और सुरक्षा की दृष्टि से ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है। जिलाधीशों को भी इस बार छुट्टियों की घोषणा करने का अधिकार दिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सर्वोत्तम तरीके से सुनिश्चित हो सके।
जिलाधीशों को अधिकार दिया गया है छुट्टियों की घोषणा करने का
इस बार शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए जिलाधीशों को अधिकृत किया है। जिलाधीश अब विभिन्न प्राकृतिक परिस्थितियों जैसे बारिश, गर्मी और ठंड के आधार पर स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा कर सकेंगे। यह अधिकार पहले शिक्षा विभाग के पास था, लेकिन अब यह जिम्मेदारी जिलाधीशों को सौंप दी गई है ताकि वे मौसम के अनुसार स्कूलों की छुट्टियों को सही तरीके से निर्धारित कर सकें।
ग्रीष्मकालीन स्कूलों में छुट्टियों का नया शेड्यूल
ग्रीष्मकालीन स्कूलों में कुल 52 छुट्टियों का प्रावधान किया गया है, जिसमें समर ब्रेक और मॉनसून ब्रेक शामिल हैं। समर ब्रेक के तहत 15 से 20 दिन की छुट्टियां दी जाएंगी, जबकि मॉनसून ब्रेक के तहत 20 से 25 दिन तक छुट्टियां मिलेंगी। जिलाधीश इन दोनों ब्रेकों की अवधि मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए तय करेंगे, लेकिन कुल छुट्टियां 40 दिनों से अधिक नहीं हो सकतीं।
शीतकालीन स्कूलों में छुट्टियों का शेड्यूल
शीतकालीन स्कूलों के लिए 52 छुट्टियों की अवधि तय की गई है। विंटर ब्रेक के तहत 42 दिन की छुट्टियां 1 जनवरी से 11 फरवरी तक रहेंगी। इसके अलावा जलवायु आपातकालीन परिस्थितियों में सात दिन तक छुट्टियां देने का भी प्रावधान रखा गया है, जो मानसून या अन्य आपात स्थितियों के कारण हो सकती हैं।
त्योहारों पर विशेष छुट्टियों का प्रावधान
त्योहारों के दौरान ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन दोनों स्कूलों में छुट्टियों का विशेष प्रावधान किया गया है। दिवाली के दौरान दो दिन पहले और तीन दिन बाद छुट्टियां रहेंगी, जबकि कुल्लू जिले में दशहरे के बाद पांच दिनों की छुट्टियां दी जाएंगी। यह छुट्टियां विशेष रूप से बच्चों और परिवारों को त्योहारों के समय एक साथ रहने का अवसर प्रदान करती हैं।
परिणामों के बाद छुट्टियों पर रोक
पहले ग्रीष्मकालीन स्कूलों में परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद पांच दिन की छुट्टियां दी जाती थीं, लेकिन इस बार यह प्रथा समाप्त कर दी गई है। अब परिणामों के बाद छात्रों को छुट्टियां नहीं मिलेंगी, जिससे पढ़ाई के कार्यक्रम में किसी प्रकार की रुकावट न हो और शैक्षिक सत्र पर इसका असर न पड़े।
स्कूलों के क्षेत्र और वर्गीकरण
राज्य में स्कूलों को दो वर्गों में बांटा गया है। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में निचले और मैदानी जिलों के स्कूल आते हैं, जैसे कांगड़ा, चंबा, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना, मंडी, सोलन, और सिरमौर के मैदानी इलाके। वहीं शीतकालीन स्कूलों में पर्वतीय इलाकों के स्कूल शामिल हैं, जैसे शिमला, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चंबा, सोलन, सिरमौर के ऊपरी इलाके।
नई नोटिफिकेशन पर सुझाव और प्रतिक्रिया
शिक्षा विभाग ने इस नए शेड्यूल को लेकर सभी स्टेक होल्डर्स से सुझाव मांगे हैं। स्कूल प्रबंधन, अभिभावक और शिक्षक 15 दिनों के भीतर अपने विचार और सुझाव दे सकते हैं, ताकि इस शेड्यूल को और प्रभावी बनाया जा सके। इस दौरान अभिभावकों और शिक्षकों की मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ का मानना है कि यह कदम छात्रों की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, जबकि कुछ का कहना है कि इससे पढ़ाई की गति प्रभावित हो सकती है।