किसानों के लिए राहत की खबर है। सरकार द्वारा चलाई जा रही प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट के तहत देसी गाय खरीदने पर सब्सिडी योजना शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना और खेती को अधिक पर्यावरण अनुकूल बनाना है। हाल ही में, किसानों द्वारा खरीदी गई गायों की वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे सब्सिडी की राशि जल्दी ही किसानों के बैंक खातों में पहुंचाई जाएगी।
किसानों की आय और खेती की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर
सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। यह योजना पूरी तरह देसी गायों पर आधारित है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि एक देसी गाय के गोबर और मूत्र से बनी खाद और कीटनाशक का उपयोग करके कई एकड़ भूमि पर खेती की जा सकती है। इससे न केवल उत्पादन की लागत कम होती है, बल्कि फसलों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
देसी गाय खरीदने पर 25,000 रुपये तक की सब्सिडी
सरकार किसानों को देसी गाय खरीदने के लिए 25,000 रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर आकर्षित करना और उनकी लागत को कम करना है। रासायनिक उर्वरकों के विकल्प के रूप में जैविक खाद और कीटनाशक का उपयोग पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।
सोनीपत जिले के किसानों ने किया आवेदन
पहले चरण में, सोनीपत जिले के 18 किसानों ने इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था। हालांकि, सब्सिडी की प्रक्रिया पिछले 7 महीनों से रुकी हुई थी क्योंकि खरीदी गई गायों की वेरिफिकेशन नहीं हो पाई थी। अब, वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सब्सिडी की राशि जल्दी ही किसानों को मिल जाएगी।
वेरिफिकेशन प्रक्रिया कैसे होती है?
किसानों द्वारा खरीदी गई गायों की भौतिक वेरिफिकेशन पशुपालन विभाग द्वारा की जा रही है। इस प्रक्रिया में विभाग यह सुनिश्चित करता है कि सब्सिडी का लाभ केवल पात्र किसानों को ही मिले। वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होते ही सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
प्राकृतिक खेती के अनोखे फायदे
प्राकृतिक खेती किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी है।
- रासायनिक खाद का विकल्प: देसी गाय के गोबर और मूत्र से बने जैविक खाद और कीटनाशक का उपयोग रासायनिक उर्वरकों की तुलना में सस्ता और अधिक प्रभावी है।
- मिट्टी की उर्वरता में सुधार: यह खेती मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारती है और इसकी जल धारण क्षमता बढ़ाती है।
- कम लागत, ज्यादा मुनाफा: प्राकृतिक खेती के उत्पाद न केवल अधिक लाभदायक होते हैं, बल्कि बाजार में उनकी मांग भी ज्यादा होती है।
सरकार की बड़ी पहल
यह योजना केवल किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए नहीं है, बल्कि यह जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है। सरकार की इस पहल से किसानों को न केवल आय बढ़ाने का मौका मिलेगा, बल्कि वे टिकाऊ खेती के माध्यम से पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में योगदान देंगे।
सब्सिडी के लिए सरल और पारदर्शी प्रक्रिया
देसी गाय खरीदने पर मिलने वाली सब्सिडी के लिए प्रक्रिया को बेहद सरल बनाया गया है। किसानों को निम्नलिखित चरणों का पालन करना होता है:
- किसान अपने नजदीकी कृषि या पशुपालन विभाग में आवेदन जमा कर सकते हैं।
- आवेदन स्वीकार होने के बाद खरीदी गई गायों की जांच की जाती है।
- वेरिफिकेशन पूरी होते ही सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
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