हम सभी अपने बालों से बहुत प्यार करते हैं और इनकी खास देखभाल करते हैं। सैलून में समय बिताना और विभिन्न उत्पादों का इस्तेमाल करना हमारे बालों के प्रति इस प्यार का हिस्सा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके कटे हुए या झड़े हुए बालों का भी एक बड़ा व्यापार हो सकता है? जी हां, दुनियाभर में भारतीय बालों का करोड़ों रुपये का बाजार है। इस लेख में हम बालों के इस रोचक व्यापार की बारीकियों को समझेंगे।
एक अनोखा बिजनेस मॉडल
आपके कटे हुए बाल, जिन्हें आप अक्सर फेंक देते हैं, 100-200 रुपये प्रति किलो की सामान्य कीमत से लेकर 25-30 हजार रुपये प्रति किलो तक बिक सकते हैं। बालों का यह व्यापार भारतीय घरेलू बाजार से शुरू होकर वैश्विक बाजार तक पहुंचता है। बाल खरीदने वाले एजेंट अक्सर आपके घरों या सैलून से बाल इकट्ठा करते हैं और इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचते हैं।
विदेशी बाजार में भारतीय महिलाओं के लंबे, नैचुरल बालों की भारी मांग है। यह व्यापार चीन, मलेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव और बर्मा जैसे देशों तक फैला हुआ है।
मंदिरों में दान किए गए बालों का उपयोग
भारत में बालों का एक बड़ा हिस्सा मंदिरों से आता है, जहां श्रद्धालु अपने बालों का दान करते हैं। इन दान किए गए बालों को इकट्ठा करके फैक्ट्रियों में ले जाया जाता है। फैक्ट्री में इन बालों को साफ करके, सुलझाकर और बंडल बनाकर तैयार किया जाता है। इसके बाद इन्हें सीधे विदेशी बाजार में बेच दिया जाता है।
विदेशी बाजार में इन बालों का उपयोग विग बनाने में किया जाता है। विग की कीमत बालों की गुणवत्ता और लंबाई पर निर्भर करती है। कई बड़े सितारे और फैशन इंडस्ट्री से जुड़े लोग इन विग को खरीदने के लिए बड़ी रकम खर्च करते हैं।
आपके बालों की कीमत कैसे तय होती है?
बालों की कीमत उनकी लंबाई, गुणवत्ता और प्राकृतिक स्थिति पर निर्भर करती है।
- नॉन-केमिकल बाल: जिन बालों में कोई केमिकल ट्रीटमेंट नहीं किया गया हो, उनकी कीमत अधिक होती है, जो 7-8 हजार रुपये प्रति किलो तक जा सकती है।
- लंबे और स्वस्थ बाल: लंबे, चमकदार और मजबूत बाल 25 हजार रुपये प्रति किलो तक बिक सकते हैं। ये बाल विग और एक्सटेंशन बनाने के लिए सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं।