कोरोना महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे व्यापारियों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Yojana) की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य ऐसे व्यवसायों को फिर से खड़ा करना है जो संकट के समय ठप हो गए थे। इस स्कीम के तहत छोटे व्यापारियों को 50,000 रुपये तक का लोन बिना गारंटी के प्रदान किया जाता है, जिससे वे अपने कारोबार को नए सिरे से शुरू कर सकें।
कैसे काम करती है पीएम स्वनिधि योजना?
रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई इस योजना के तहत पहली बार में 10,000 रुपये का लोन मिलता है। इस राशि को समय पर चुकाने के बाद अगली बार में 20,000 रुपये तक का लोन लिया जा सकता है। इसी तरह तीसरी बार 50,000 रुपये तक का लोन प्राप्त करने की पात्रता बनती है। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि लोन के लिए किसी भी प्रकार की गारंटी की आवश्यकता नहीं होती।
लोन के साथ सब्सिडी और डिजिटल पेमेंट का प्रोत्साहन
सरकार ने इस योजना के अंतर्गत केवल लोन ही नहीं, बल्कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कैश-बैक सुविधाएं भी प्रदान की हैं। लोन राशि पर दी जाने वाली सब्सिडी इस योजना को और भी आकर्षक बनाती है। यह सुनिश्चित किया गया है कि लोन की रकम आवेदनकर्ता के खाते में तीन चरणों में सीधे ट्रांसफर हो।
आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। किसी भी सरकारी बैंक में आवेदन कर इस योजना के लिए पात्रता प्राप्त की जा सकती है। लोन राशि को 12 महीनों की अवधि में आसान किश्तों के रूप में चुकाया जा सकता है।
कैसे मिलेगी 50,000 रुपये की राशि?
मान लीजिए कि एक फल विक्रेता ने पहली बार 10,000 रुपये का लोन लिया और उसे समय पर चुका दिया। इसके बाद उसे दूसरी बार 20,000 रुपये का लोन मिल सकता है। इसी तरह तीसरी बार में वह 50,000 रुपये तक का लोन प्राप्त करने के योग्य होगा। यह योजना छोटे व्यापारियों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित भी करती है।