
बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को गरमी के मौसम में खेती के लिए राहत देने वाली एक खास योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को गरमा फसलों के बीज बहुत सस्ती कीमत पर मिलेंगे। सरकार ये बीज सब्सिडी यानी छूट के साथ दे रही है, जिससे किसानों की खेती में लगने वाला खर्च काफी कम हो जाएगा। खास बात यह है कि किसान चाहें तो इन बीजों को अपने घर पर मंगवा सकते हैं।
कौन-कौन से बीज मिलेंगे सस्ते में?
बिहार राज्य बीज निगम की ओर से कुल 8 गरमा फसलों के बीज रियायती दर पर दिए जा रहे हैं। इनमें शामिल हैं:
मूंग, उड़द, मूंगफली, तिल, सूर्यमुखी, हाइब्रिड मक्का, स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न।
इन बीजों पर 50% से लेकर 80% तक की छूट मिल रही है। जैसे –
- मूंग का बीज ₹149 प्रति किलो की कीमत पर मिलता है, लेकिन किसान को सिर्फ ₹30 के करीब ही देना होगा।
- उड़द पर भी लगभग ₹144 की छूट है।
- स्वीट कॉर्न की कीमत करीब ₹3000 प्रति किलो है, लेकिन सरकार 50% या अधिकतम ₹1500 तक की छूट दे रही है।
- तिल, मूंगफली और सूर्यमुखी जैसे बीजों पर भी 80% तक सब्सिडी दी जा रही है।
बीज पाने के लिए क्या करना होगा?
किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए दो वेबसाइट हैं:
- https://dbtagriculture.bihar.gov.in – बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट
- https://brbn.bihar.gov.in – बिहार राज्य बीज निगम की वेबसाइट
किसान इन वेबसाइटों पर जाकर अपना नाम, मोबाइल नंबर, खेती की जानकारी आदि भरकर आवेदन कर सकते हैं। यह काम वे अपने मोबाइल, कंप्यूटर, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), वसुधा केंद्र या साइबर कैफे से कर सकते हैं।
बीज घर तक कैसे पहुंचेगा?
अगर किसान चाहें, तो आवेदन करते समय “होम डिलीवरी” का विकल्प चुन सकते हैं। इससे बीज उनके घर पर पहुंचा दिया जाएगा। इसके लिए एक छोटा सा चार्ज लिया जाएगा।
बीज देने की प्रक्रिया कैसे चलेगी?
- जब किसान आवेदन करते हैं, तो कृषि विभाग उसकी जांच (वेरिफिकेशन) करता है। फिर किसान के मोबाइल पर एक डिमांड नंबर भेजा जाता है।
- किसान इस नंबर को बीज देने वाले केंद्र पर दिखाता है। वहां उसका बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट) लिया जाएगा, फिर बीज की कीमत से सब्सिडी घटाकर बाकी की राशि ली जाएगी।
खाली खेतों का सही इस्तेमाल करें
गरमा फसलों की यह योजना उन किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है जिनके खेत अभी खाली हैं, जैसे रबी फसलों – आलू, मटर, राई या सब्जी मटर की कटाई के बाद। इन खाली खेतों में मूंगफली, मूंग या सूर्यमुखी जैसी गरमा फसलों की खेती कर किसान अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं। खासतौर पर बलुई दोमट मिट्टी में मूंगफली की खेती बहुत सफल रहती है।