भारत में करेंसी नोट्स का मुद्दा हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस विषय पर एक बड़ा बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि 500 रुपये से ज्यादा मूल्य वाले करेंसी नोट पेश करने की कोई योजना नहीं है। राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट कहा कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है।
यह बयान तब आया जब सांसद घनश्याम तिवारी ने सरकार से यह सवाल पूछा था कि क्या 500 रुपये से अधिक मूल्य वाले करेंसी नोट की प्रिंटिंग की कोई योजना है। पंकज चौधरी ने इस प्रश्न का सीधा और संक्षिप्त उत्तर दिया, “नहीं, सर।” उनके इस उत्तर ने ऊंची वैल्यू वाले करेंसी नोट्स की अटकलों को समाप्त कर दिया।
2000 रुपये के नोट
घनश्याम तिवारी ने केवल 500 रुपये से ज्यादा मूल्य वाले करेंसी नोट्स ही नहीं, बल्कि 2000 रुपये के नोटों की प्रिंटिंग और सर्कुलेशन पर भी सवाल उठाए। इस पर वित्त राज्य मंत्री ने विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि नवंबर 2016 में Reserve Bank of India Act, 1934 के Section 24(1) के तहत 2000 रुपये के नोट पेश किए गए थे। 31 मार्च, 2017 तक इन नोटों की संख्या 32,850 लाख पीस थी। अगले साल 31 मार्च, 2018 तक यह संख्या बढ़कर 33,632 लाख हो गई।
हालांकि, 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का ऐलान हुआ। इस घोषणा के समय 2000 रुपये के कुल 17,793 लाख पीस सर्कुलेशन में थे। मंत्री ने बताया कि इनमें से 15 नवंबर 2024 तक 17,477 लाख पीस रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) में वापस आ चुके हैं। इसके बावजूद 346 लाख पीस अब भी सर्कुलेशन में हैं।
2000 रुपये के नोट जमा कराने का विकल्प
2000 रुपये के नोट को लेकर सरकार ने नागरिकों की सहूलियत के लिए जमा और एक्सचेंज की प्रक्रिया भी तय की है। जिनके पास 2000 रुपये के नोट बचे हैं, वे इन्हें RBI के 19 Issue Offices में जाकर जमा कर सकते हैं। इसके अलावा, नागरिक India Post की सेवाओं का उपयोग करके भी इन नोटों को जमा करा सकते हैं।
ऊंची वैल्यू वाले करेंसी नोट्स की संभावना खारिज
पिछले कुछ समय से यह अफवाहें थीं कि सरकार 500 रुपये से अधिक मूल्य वाले नोट पेश करने की योजना बना रही है। वित्त मंत्रालय ने इस तरह की सभी अटकलों को खारिज कर दिया। मंत्रालय का यह बयान वित्तीय स्थिरता और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा सकता है।
सरकार का स्पष्ट रुख यह है कि मौजूदा करेंसी नोट्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाए रखना प्राथमिकता है। ऊंची वैल्यू वाले नोट्स न केवल सर्कुलेशन के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं, बल्कि इनसे संबंधित समस्याएं, जैसे काले धन और नकली मुद्रा, भी बढ़ सकती हैं।