उत्तर प्रदेश (UP), उत्तराखंड (Uttarakhand), बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) जैसे हिंदी भाषी क्षेत्रों के छात्रों के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, कक्षा 8 से 12 तक के छात्र अब बिना किसी फीस के अपनी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। सरकार का उद्देश्य हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक मजबूत शैक्षिक आधार तैयार करना है।
इस पहल से लाखों छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो पहले महंगी कोचिंग या संसाधनों की कमी के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाते थे। यह सुविधा विशेष रूप से उन छात्रों के लिए बनाई गई है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं।
डिजिटल माध्यम से मिलेगी सुविधा
सरकार इस योजना को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए लागू करने जा रही है। छात्रों को ऑनलाइन वीडियो लेक्चर, मॉक टेस्ट, ई-बुक्स और अन्य शैक्षिक सामग्री मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। यह कदम न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास है बल्कि डिजिटल साक्षरता को भी बढ़ावा देगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह योजना हिंदी मीडियम के छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है। इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को कठिन विषयों जैसे गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान में मदद मिलेगी।
क्यों उठाया गया यह कदम?
उत्तर भारत के कई हिस्सों में हिंदी माध्यम के छात्रों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। जहां अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए ढेरों कोचिंग सेंटर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं, वहीं हिंदी मीडियम के छात्रों के लिए ऐसे संसाधनों की कमी है। सरकार का मानना है कि यह पहल इस अंतर को पाटने में मददगार साबित होगी।
घरेलू हिंसा कानून में बदलाव की चर्चा
इस बीच, सरकार ने घरेलू हिंसा कानून में संभावित बदलाव पर चर्चा शुरू की है। कई विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि वर्तमान कानून में कुछ प्रावधानों को मजबूत करने और प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत है। हालांकि, इस विषय पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
छात्रों को मिलेगा प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़ावा
यह सुविधा केवल स्कूल की परीक्षाओं तक ही सीमित नहीं है। सरकार ने दावा किया है कि इस कार्यक्रम के जरिए छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकेंगे। यह उन्हें भविष्य में रोजगार और करियर के बेहतर अवसर दिलाने में मदद करेगा।
सरकार के इस कदम से शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आने की उम्मीद है। हिंदी मीडियम के छात्रों के लिए यह एक सकारात्मक और आवश्यक पहल है, जो उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और शैक्षणिक स्तर को सुधारने का काम करेगी।