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सरकारी कर्मचारियों की 42 दिन की एक्स्ट्रा छुट्टी! सरकारी कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले

केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान! अंगदान करने वाले कर्मचारियों को मिलेगा स्पेशल 42 दिन का अवकाश। जानें इस नीत‍ि के पीछे का मकसद, कौन-कौन है पात्र और कैसे NOTTO कर रहा है अंगदान को आसान। यह खबर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी

By PMS News
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सरकारी कर्मचारियों की 42 दिन की एक्स्ट्रा छुट्टी! सरकारी कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले
सरकारी कर्मचारियों की 42 दिन की एक्स्ट्रा छुट्टी! सरकारी कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ा कल्याणकारी कदम उठाया है। अब अंगदान करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को अधिकतम 42 दिन का स्पेशल कैजुअल लीव (Special Casual Leave) दिया जाएगा। यह जानकारी नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) ने हाल ही में साझा की है। अंगदान जैसे महत्वपूर्ण और साहसी निर्णय को प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) ने इस संबंध में 2023 में आदेश जारी किया था। NOTTO ने इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर जनता को जागरूक किया है।

कौन पात्र होगा 42 दिनों की छुट्टी के लिए?

यह विशेष अवकाश सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू होगा। इस पहल का उद्देश्य है अंगदान को प्रोत्साहित करना और डोनर्स को पर्याप्त समय देना ताकि वे सर्जरी और रिकवरी प्रक्रिया को आराम से पूरा कर सकें। DoPT के आदेश के अनुसार, यह छुट्टी अंगदान के प्रकार पर निर्भर नहीं करेगी।

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह विशेष अवकाश सर्जरी के दिन से शुरू होकर एक ही बार में लिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर, डॉक्टर की सिफारिश पर, सर्जरी से एक सप्ताह पहले भी छुट्टी शुरू की जा सकती है।

क्यों है अंगदान पर अवकाश जरूरी?

अंगदान एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें सर्जरी के दौरान और बाद में रिकवरी के लिए पर्याप्त समय चाहिए होता है। डोनर को अस्पताल में भर्ती रहने और उसके बाद आराम की आवश्यकता होती है। यह सर्जरी शरीर पर शारीरिक और मानसिक प्रभाव डालती है, जिसे देखते हुए यह 42 दिनों की छुट्टी डोनर्स को राहत प्रदान करेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

क्या कहते हैं आंकड़े?

एक जीवित व्यक्ति द्वारा निम्नलिखित अंग दान किए जा सकते हैं:

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  • एक किडनी
  • लिवर का एक हिस्सा
  • अग्न्याशय (Pancreas) का एक हिस्सा

भारत में हर साल लाखों लोग अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा सूची में होते हैं। NOTTO के अनुसार, अंगदान और प्रत्यारोपण से जुड़ी गतिविधियों को व्यवस्थित और विनियमित करने के लिए यह संगठन कार्य करता है।

नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन क्या है?

NOTTO (National Organ and Tissue Transplant Organization) भारत का एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य है अंग और ऊतक दान को प्रोत्साहन देना और उनसे जुड़ी प्रक्रियाओं को सुगम बनाना।

NOTTO न केवल अंगों की खरीद और वितरण का समन्वय करता है, बल्कि प्रत्यारोपण से जुड़ी रजिस्ट्री को भी संचालित करता है।

अंगदान के प्रति बढ़ रही जागरूकता

इस नई नीति के जरिए सरकार यह संदेश देना चाहती है कि अंगदान न केवल एक मानवीय कर्तव्य है, बल्कि इसे करने वालों के लिए हर संभव सहायता और सहूलियत भी सुनिश्चित की जाएगी।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार के अवकाश से अधिक से अधिक लोग अंगदान के लिए आगे आएंगे। प्राइवेट सेक्टर को भी इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।

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