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Gold Holding Rules: घर में कितना सोना रखना है लीगल? एक ग्राम भी ज़्यादा हुआ तो हो सकती है दिक्कत

अगर आपके पास भी हैं सोने के गहने या जमा कर रहे हैं शादी-ब्याह के लिए सोना, तो जानिए सरकार की तय लिमिट वरना हो सकती है जांच, जब्ती और पूछताछ! पढ़ें ये जरूरी रिपोर्ट जो आपके लिए है बेहद जरूरी।

By PMS News
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Gold Holding Rules: घर में कितना सोना रखना है लीगल? एक ग्राम भी ज़्यादा हुआ तो हो सकती है दिक्कत
Gold Holding Rules: घर में कितना सोना रखना है लीगल? एक ग्राम भी ज़्यादा हुआ तो हो सकती है दिक्कत

भारत में Gold Storage Rule सिर्फ एक कानूनी मसला नहीं बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक पहलू भी है। देश में सोना केवल एक निवेश का जरिया नहीं बल्कि परंपरा, विश्वास और परिवारिक विरासत का प्रतीक है। शादी-ब्याह, त्योहारों या शुभ अवसरों पर सोना खरीदना भारतीय समाज में सदियों पुरानी परंपरा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकार की ओर से सोना घर में रखने को लेकर एक सीमा निर्धारित की गई है? यह सीमा तय करती है कि आप बिना किसी सवाल-जवाब या जांच के कितना सोना घर में रख सकते हैं। आइए जानें इस नियम से जुड़ी अहम बातें।

घर में कितना सोना रखना है लीगल? CBDT के नियम बताते हैं सीमा

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने कुछ स्पष्ट दिशानिर्देश तय किए हैं कि कोई व्यक्ति बिना टैक्स की जांच के घर में कितना सोना फिजिकल फॉर्म में रख सकता है। ये नियम किसी भी संभावित आयकर छापे के दौरान लागू होते हैं और इस आधार पर तय किया जाता है कि कौन व्यक्ति कितना सोना बिना पूछताछ के रख सकता है।

CBDT के मुताबिक, अगर व्यक्ति द्वारा रखा गया सोना निम्नलिखित सीमाओं में आता है और उसकी आय व सोने की प्राप्ति का स्रोत स्पष्ट है—जैसे कि विरासत, गिफ्ट या आय से—तो उस पर किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती।

कौन कितना सोना रख सकता है?

सरकारी नियमों के अनुसार, व्यक्ति के वैवाहिक दर्जे और लिंग के अनुसार सोने की सीमा तय की गई है।

अविवाहित महिलाएं घर में अधिकतम 250 ग्राम तक सोना रख सकती हैं। यदि यह सीमा पार की जाती है और दस्तावेज नहीं हैं, तो आयकर विभाग कार्रवाई कर सकता है।

विवाहित महिलाएं 500 ग्राम तक सोना बिना किसी दस्तावेजी प्रमाण के घर में रख सकती हैं।

अविवाहित पुरुषों को केवल 100 ग्राम सोना रखने की छूट है, जबकि विवाहित पुरुषों के लिए भी यही सीमा लागू होती है—100 ग्राम।

यह ध्यान देना जरूरी है कि यदि इन सीमाओं से अधिक सोना घर में रखा जाता है और उस पर कोई वैध दस्तावेज, जैसे कि बिल, विरासत पत्र या आय प्रमाण नहीं है, तो आयकर विभाग उसे जब्त कर सकता है और व्यक्ति को नोटिस भी भेजा जा सकता है।

टैक्स नियम: कब देना होगा कैपिटल गेन टैक्स?

अगर आप सोना खरीदकर उसे कुछ समय बाद बेचते हैं, तो उस पर होने वाली कमाई पर टैक्स देना पड़ सकता है। CBDT के सर्कुलर के अनुसार, अगर सोना तीन साल से पहले बेचा जाता है, तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Short-Term Capital Gain Tax) लागू होगा। यह टैक्स आपकी कुल आय में जोड़कर लागू किया जाता है।

वहीं अगर सोना तीन साल के बाद बेचा जाता है, तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Long-Term Capital Gain Tax) लागू होगा, जो फिलहाल 20% है, लेकिन इसमें इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है।

इसलिए सोने को निवेश के तौर पर देखने से पहले इसके टैक्स नियमों को समझना जरूरी है।

Gold Rate Today: होली पर सोने के दाम में उछाल

14 मार्च 2025 को होली के अवसर पर सोने के दाम में तेज़ उछाल देखने को मिला। बाजार में आज 24 कैरेट सोना 600 रुपये प्रति ग्राम की बढ़त के साथ 8876.3 रुपये प्रति ग्राम तक पहुंच गया। वहीं 22 कैरेट सोना 550 रुपये की बढ़त के साथ 8138.3 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है।

यह वृद्धि त्योहारी मांग और वैश्विक बाजारों में बढ़ती कीमतों के चलते देखी गई है। ऐसे में जिन लोगों ने पहले निवेश किया था, उन्हें अच्छा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन बिक्री पर टैक्स का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

सोना रखना है, तो दस्तावेज जरूर रखें

अगर आप तय सीमा से अधिक सोना रखना चाहते हैं, तो आपको उसका सोर्स स्पष्ट रूप से साबित करना होगा। इसमें सोने की खरीद की रसीद, विरासत संबंधी दस्तावेज, गिफ्ट डीड आदि शामिल हो सकते हैं। इससे न सिर्फ आप टैक्स विभाग की जांच से बच सकते हैं, बल्कि अपने निवेश को सुरक्षित भी रख सकते हैं।

CBDT बार-बार यह स्पष्ट कर चुका है कि सीमा से अधिक सोने पर केवल तभी कोई कार्रवाई होगी, जब उसका स्रोत स्पष्ट न हो। इसलिए पारदर्शिता रखना बेहद आवश्यक है।

सोना है सुरक्षित संपत्ति, लेकिन नियम जानना जरूरी

भारत में सोना सिर्फ धातु नहीं, बल्कि परंपरा, गर्व और आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक है। लेकिन इसके साथ जुड़े नियमों की जानकारी न होना कई बार मुश्किलें खड़ी कर सकता है। चाहे वह Gold Storage Rule हो या Capital Gain Tax—हर पहलू को समझकर निवेश करना ही बुद्धिमानी है।

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