शादियों के सीजन की शुरुआत ने सोने की खरीदारी को फिर से पटरी पर ला दिया है। मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त के साथ खरमास खत्म होते ही ज्वेलरी बाजार में चहल-पहल लौट आई है। ग्राहक और निवेशक दोनों ही बड़ी संख्या में सोना खरीदने लगे हैं। इस बढ़ी हुई मांग के चलते सर्राफा बाजार में सोने के दामों में तेजी देखी जा रही है। वर्तमान में सोने की कीमत 500 रुपये की बढ़त के साथ 81,300 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है, जो पिछले दो महीनों का उच्चतम स्तर है।
इंटरनेशनल मार्केट में भी तेजी
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने के दामों में उछाल देखने को मिल रहा है। सोने की कीमत 2,737.50 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच चुकी है, जो कि 12 दिसंबर 2024 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। विशेषज्ञों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने और वैश्विक अस्थिरता के चलते सुरक्षित निवेश की ओर रुझान बढ़ेगा, जिससे सोने की कीमतों में और तेजी आएगी।
चांदी के दामों में भी बढ़त
सोने के साथ ही चांदी की कीमतों में भी तेजी दर्ज की गई है। चांदी 2,300 रुपये बढ़कर 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच चुकी है। इससे स्पष्ट होता है कि शादी के मौसम और निवेशकों के रुझान के कारण कीमती धातुओं की मांग में जोरदार इजाफा हो रहा है।
विशेषज्ञों की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसीडेंट, जतिन त्रिवेदी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में महंगाई दर में नरमी और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने सोने की कीमतों को सहारा दिया है। अमेरिकी बाजारों में दिसंबर के सीपीआई आंकड़े ने भी सोने की तेजी को बढ़ावा दिया है।
आने वाले बजट से उम्मीदें
1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने की संभावना है। व्यापार घाटा नियंत्रित करने के लिए सरकार यह कदम उठा सकती है। जुलाई 2024 में इस ड्यूटी को 15% से घटाकर 6% किया गया था, लेकिन इसे फिर से बढ़ाए जाने की संभावना ने सोने की कीमतों को और स्थिरता प्रदान की है।