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Gold Rules: सरकार ने बदल दिया सोना खरीदने का नियम,गरीबों को होगा फायदा

सोने की आसमान छूती कीमतों के बीच सरकार का ऐतिहासिक फैसला अब 9 कैरेट सस्ते गोल्ड पर भी मिलेगी BIS हॉलमार्किंग की पक्की मुहर। जुलाई 2025 से लागू हुआ नया नियम खास तौर पर मिडिल क्लास और गरीब परिवारों के लिए बना वरदान। जानिए कैसे अब कम दाम में भी मिलेगी शुद्धता और भरोसा।

By PMS News
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Gold Rules: सरकार ने बदल दिया सोना खरीदने का नियम,गरीबों को होगा फायदा
Gold Rules: सरकार ने बदल दिया सोना खरीदने का नियम,गरीबों को होगा फायदा

जो लोग हाल ही में सोना खरीदने चाहते हैं, उनके लिए Gold से जुडी बड़ी खबर सामने आई है। अब सस्ते सोने के बाजार में सरकार ने नया कदम उठाया है। साथ ही सरकार ने फैसला लिया है, कि अब 9 कैरेट वाले सोने की ज्वैलरी भी हॉलमार्किंग के बिना नहीं बेची जा सकेगी। इस नई घोषणा को पूरे भारत देश में लागू कर दिया गया है। जिससे खासतौर पर गरीब मिडिल क्लास परिवारों को फायदा होगा,जो अब तक भी बिना हॉलमार्क वाले सस्ते सोने को उसी कीमत पर ख़रीदारी करके अपना नुकसान कर रहे थे।

सस्ते Gold की बढ़ती डिमांड के बीच बदला नियम

पिछले कुछ महीनों से Gold की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। 24 कैरेट और 22 कैरेट गोल्ड की कीमतें अब आम लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। ऐसे में मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास वर्ग के लोग 9 कैरेट Gold की ओर आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि इसकी कीमत अन्य कैरेट की तुलना में काफी कम होती है। यही कारण है कि 9 Karat Gold की डिमांड लगातार बढ़ रही थी और लोग इसे बिना शुद्धता की जांच के भी खरीद रहे थे।

BIS ने हॉलमार्किंग को बनाया अनिवार्य

अब भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने साफ रूप से कह दिया है, कि 9 Karat Gold के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। इसके तहत अब कोई भी ज्वैलर बिना BIS हॉलमार्क के 9 कैरेट का Gold नहीं बेच सकेगा। BIS ने यह फैसला उपभोक्ताओं के हित में लिया है ताकि उन्हें शुद्धता की पक्की गारंटी मिल सके।

कब से लागू हुआ नया नियम

सरकार ने यह नियम जुलाई 2025 से पूरे देश में लागू कर दिया है। यानी अब कोई भी 9 कैरेट का गहना अगर हॉलमार्क नहीं है तो उसकी बिक्री अवैध मानी जाएगी। इसके तहत न केवल सोने की शुद्धता की जांच सुनिश्चित की जाएगी बल्कि उपभोक्ताओं को इस बात की भी जानकारी होगी कि वे जो ज्वैलरी खरीद रहे हैं, वह वास्तव में कितनी शुद्ध है।

क्या होता है Gold Hallmark

Gold Hallmark एक विशेष चिन्ह होता है, जो BIS यानी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित किया जाता है। यह निशान बताता है, कि जिस गहने पर यह अंकित है, उसकी शुद्धता BIS मानकों के अनुसार जांची गई है। अब तक यह व्यवस्था 24KF, 24KS, 23K, 22K, 20K, 18K और 14K के लिए थी। लेकिन अब 9K यानी 9 कैरेट Gold को भी इस सूची में शामिल कर दिया गया है।

क्यों खास है 9 Karat की हॉलमार्किंग

9 Karat Gold की हॉलमार्किंग होने से उपभोक्ताओं को कई फायदे होंगे। सबसे पहली बात, यह सोना सस्ता होता है और मिडिल क्लास के लिए सुलभ होता है। लेकिन पहले इसकी शुद्धता पर संदेह बना रहता था। अब हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से ग्राहक यह जान पाएंगे कि जो सोना वे खरीद रहे हैं, उसमें शुद्धता कितनी है।

जानकारी के अनुसार, 9 कैरेट गोल्ड में शुद्धता केवल 37.5% होती है। बाकी धातुएं मिलाई जाती हैं जिससे इसकी कीमत कम होती है। लेकिन अब हॉलमार्किंग से यह स्पष्ट रहेगा कि शुद्धता कितनी है और उसमें कोई धोखाधड़ी नहीं होगी।

मिडिल क्लास को कैसे होगा फायदा

मिडिल क्लास उपभोक्ता जो अधिक महंगे 22K या 18K Gold नहीं खरीद सकते, उनके लिए 9 Karat Gold एक बढ़िया विकल्प है। अब जब इस पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है, तो उन्हें कम कीमत पर शुद्धता वाली ज्वैलरी मिलेगी। इससे उनकी जेब पर बोझ भी कम पड़ेगा और गुणवत्ता की गारंटी भी रहेगी।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार को मिलेगा बल

BIS द्वारा 9 Karat Gold पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने का एक और बड़ा फायदा यह होगा, कि भारत से विदेशों में खासतौर पर UK और यूरोप में होने वाले Gold Export को नई दिशा मिलेगी। इन देशों में 9K Gold की डिमांड अधिक होती है, और हॉलमार्किंग होने से वहां की मार्केट में भारतीय ज्वैलरी की मंजूरी और बिक्री दोनों में वृद्धि होगी।

क्वालिटी कंट्रोल से बढ़ेगा भरोसा

BIS Hallmarking Act, 2016 के तहत अब जो भी गहना मार्केट में आएगा, उसमें शुद्धता के प्रमाण के साथ ही उपभोक्ताओं को फर्जीवाड़े से बचाने की गारंटी होगी। इससे बाजार में भरोसे का माहौल बनेगा और ग्राहकों के हितों की रक्षा होगी। इस कदम से Jewelry Industry को भी मजबूती मिलेगी।

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