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आधार कार्ड में गलत जानकारी देना अब पड़ सकता है बहुत भारी, 3 साल की जेल और जुर्माने का नया नियम Aadhaar Card Update

UIDAI के नए नियमों के तहत Aadhaar में फर्जी जानकारी देने पर 3 साल तक की जेल और ₹1 लाख जुर्माना तय! क्या आपने भी आधार में अपडेट के नाम पर की कोई गलती? अब जानिए पूरी डिटेल, वरना पछताना पड़ सकता है!

By PMS News
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आधार कार्ड में गलत जानकारी देना अब पड़ सकता है बहुत भारी, 3 साल की जेल और जुर्माने का नया नियम Aadhaar Card Update
आधार कार्ड में गलत जानकारी देना अब पड़ सकता है बहुत भारी, 3 साल की जेल और जुर्माने का नया नियम Aadhaar Card Update

Aadhaar कार्ड आज भारत के हर नागरिक की पहचान का अहम दस्तावेज बन चुका है। सरकारी योजनाओं से लेकर बैंकिंग, स्कूल एडमिशन, मोबाइल सिम तक लगभग हर सेवा में Aadhaar नंबर की आवश्यकता होती है। लेकिन कई लोग इस अहम दस्तावेज का दुरुपयोग करने या इसमें झूठी जानकारी देने का प्रयास करते हैं। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने Aadhaar के दुरुपयोग को लेकर सख्त रुख अपनाया है और अब इस तरह की हरकत करने वालों को कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है।

झूठी जानकारी देने पर लगेगा जुर्माना और होगी जेल

अगर कोई व्यक्ति Aadhaar कार्ड में गलत जानकारी देता है या किसी और के Aadhaar नंबर का गलत इस्तेमाल करता है, तो यह आधार अधिनियम 2016 (Aadhaar Act 2016) के तहत एक दंडनीय अपराध है। इस अपराध के लिए व्यक्ति को तीन साल तक की जेल और ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

UIDAI के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर Aadhaar नामांकन या अपडेट के दौरान फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करता है या किसी अन्य की पहचान को अपने नाम पर दिखाता है, तो इसे अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सीधे कार्रवाई की जा सकती है।

Aadhaar अधिनियम 2016 के प्रावधान

Aadhaar Act 2016 की धारा 35 और 36 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर आधार नामांकन या प्रमाणीकरण में गलत जानकारी देता है, तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा। साथ ही, किसी और के Aadhaar डेटा को उसकी अनुमति के बिना इस्तेमाल करना भी दंडनीय है। यह अपराध “आइडेंटिटी थेफ्ट” की श्रेणी में आता है।

यह अधिनियम UIDAI को अधिकार देता है कि वह ऐसे मामलों में सीधा संज्ञान लेकर जांच कर सके और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू कर सके।

टेक्नोलॉजी के युग में आधार की भूमिका

Digital India मिशन के तहत Aadhaar को केंद्र सरकार ने एक डिजिटल आइडेंटिटी टूल के रूप में विकसित किया है। आज यह दस्तावेज न केवल नागरिक की पहचान का प्रतीक है, बल्कि इससे जुड़ी कई सरकारी सेवाएं सीधे व्यक्ति के बैंक खाते में पहुंचती हैं। LPG सब्सिडी से लेकर राशन और स्कॉलरशिप तक सभी योजनाएं Aadhaar लिंक्ड हो चुकी हैं।

इसीलिए आधार में गलत जानकारी देना सिर्फ एक कानूनी अपराध नहीं है, बल्कि यह सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग की श्रेणी में भी आता है।

कैसे होता है आधार का दुरुपयोग?

Aadhaar के दुरुपयोग के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें फर्जी पहचान के जरिए मोबाइल सिम लेना, किसी और के आधार का उपयोग करके बैंक खाता खोलना, या सरकारी लाभ लेना शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ लोग फर्जी बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग कर Aadhaar के जरिए धोखाधड़ी करने की कोशिश करते हैं।

UIDAI ने इन मामलों को रोकने के लिए आधार डेटा की सुरक्षा को और सख्त बनाया है। अब बायोमेट्रिक लॉकिंग सिस्टम और वर्चुअल आईडी जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं, ताकि आधार का दुरुपयोग न हो सके।

UIDAI की चेतावनी और कार्रवाई की प्रक्रिया

UIDAI ने नागरिकों को बार-बार यह चेतावनी दी है कि वे आधार अपडेट के दौरान केवल सही जानकारी दें और सत्यापित दस्तावेज प्रस्तुत करें। साथ ही, यदि किसी को लगता है कि उसके Aadhaar का दुरुपयोग हुआ है, तो वह UIDAI की वेबसाइट या हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकता है।

साथ ही, UIDAI अधिकारियों को यह भी अधिकार दिया गया है कि वे किसी भी संदिग्ध मामले की जांच करें और प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएं।

कैसे बचें कानूनी कार्रवाई से?

यदि आप अपने आधार में किसी भी तरह का अपडेट कराना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज सही हों। फर्जी या किसी और के दस्तावेज प्रस्तुत करना भारी पड़ सकता है। UIDAI के अधिकृत केंद्रों पर जाकर ही Aadhaar अपडेट करवाएं। ऑनलाइन अपडेट के दौरान भी दस्तावेजों की सत्यता बनाए रखना अनिवार्य है।

यदि किसी व्यक्ति ने जानबूझकर गलत जानकारी दी है और मामला दर्ज हो चुका है, तो उसे कोर्ट में साबित करना होगा कि गलती जानबूझकर नहीं की गई। अन्यथा उसे दंड भुगतना पड़ सकता है।

डिजिटल पहचान का जिम्मेदार उपयोग जरूरी

भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में Aadhaar एक क्रांतिकारी पहचान प्रणाली है। यह प्रणाली जितनी सशक्त है, उतनी ही जिम्मेदारी की मांग भी करती है। यदि नागरिक इसका सही तरीके से उपयोग करें, तो सरकारी योजनाएं सही लाभार्थियों तक पहुंच सकती हैं। लेकिन यदि इसका दुरुपयोग किया गया, तो इससे न केवल सिस्टम पर बोझ बढ़ेगा बल्कि निर्दोष लोगों को भी परेशानी हो सकती है।

इसलिए यह जरूरी है कि हम Aadhaar जैसी डिजिटल पहचान प्रणाली का इस्तेमाल करते समय ईमानदारी और जागरूकता बरतें।

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