
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए ‘सोलर फेंसिंग योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों के चारों ओर सोलर फेंसिंग लगाने के लिए 80% तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जिससे वे कम लागत में यह उन्नत तकनीक अपना सकें।
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सोलर फेंसिंग सिस्टम: कैसे करता है काम?
सोलर फेंसिंग सिस्टम विशेष तारों से निर्मित होता है, जिसमें हल्का विद्युत प्रवाह रहता है जो पशुओं को मामूली झटका देता है। यह झटका उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन खेत में घुसने से रोकता है। इसके अतिरिक्त, इस सिस्टम में अलार्म सिस्टम भी जोड़ा गया है जो जैसे ही कोई पशु पास आता है, तेज आवाज करता है। किसान इसे अपने घर पर लगाकर खेतों की निगरानी कर सकते हैं।
योजना का कार्यान्वयन और लाभ
बुंदेलखंड के सात जनपदों में सोलर फेंसिंग योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत 10 से 20 हेक्टेयर के क्लस्टर में न्यूनतम पांच किसानों को 80% अनुदान दिया जाएगा। किसानों को मिलकर समिति बनानी होगी और ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
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किसानों की प्रतिक्रिया
झांसी के किसान इस तकनीक को अपनाकर बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इससे उन्हें अब रात में जागकर खेत की रखवाली नहीं करनी पड़ेगी और उनकी नींद के साथ-साथ फसल दोनों सुरक्षित रहेंगे। यह योजना धीरे-धीरे पूरे बुंदेलखंड में फैल रही है और उम्मीद है कि आने वाले समय में यह क्षेत्र अन्ना प्रथा की समस्या से काफी हद तक निजात पा सकेगा।
पर्यावरण के अनुकूल समाधान
यह सोलर फेंसिंग सिस्टम Renewable Energy पर आधारित प्रणाली है, जो किसानों के लिए बेहद किफायती और प्रभावशाली है। यह इको-फ्रेंडली तकनीक दिन में सूरज की रोशनी से चार्ज होती है और रात में भी कार्यरत रहती है। एक एकड़ खेत में यह सिस्टम सिर्फ 2000 रुपए में लगाया जा सकता है, जो किसानों के लिए एक बड़ी राहत है।