
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के तहत अब सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुए फार्मर आईडी-Farmer ID को अनिवार्य कर दिया है। यदि आपके पास यह ID नहीं है, तो आप सीधे इस योजना के तहत मिलने वाले ₹6000 वार्षिक लाभ से वंचित हो सकते हैं। सरकार ने 1 जनवरी 2025 से 10 राज्यों में नए आवेदकों के लिए इस आईडी को अनिवार्य कर दिया है, जिनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख राज्य भी शामिल हैं। यह कदम केंद्र सरकार द्वारा किसानों की पहचान और लाभार्थियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
यह भी देखें: नक्शे पर उभरा नया देश! भारत मानेगा या नहीं? देखें दुनिया की ताजा सबसे बड़ी राजनीतिक हलचल
फार्मर आईडी क्यों बनवाना जरूरी है
फार्मर आईडी एक यूनिक डिजिटल पहचान है जो किसान के आधार नंबर, भू-अभिलेख, बैंक खाते और फसल विवरण जैसे डाटा से जुड़ती है। सरकार का उद्देश्य है कि योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिले जो वास्तव में इसके पात्र हैं और जिनका भूमि स्वामित्व सत्यापित है। इस आईडी की मदद से फर्जी पंजीकरणों पर लगाम लगेगी और पारदर्शी प्रणाली के जरिए सब्सिडी और सहायता सीधा लाभार्थी के बैंक खाते तक पहुंचेगी। कृषि मंत्रालय का दावा है कि इससे भविष्य की सभी योजनाओं को एकीकृत करने में आसानी होगी।
फार्मर आईडी कैसे बनवाएं?
उत्तर प्रदेश के किसान भाई upfr.agristack.gov.in पोर्टल के माध्यम से फार्मर आईडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर भी फार्मर आईडी के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है। इस प्रक्रिया में आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (जैसे खतौनी), बैंक खाता विवरण और पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होती है। आवेदन के बाद अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा, और फिर आईडी जारी की जाएगी।
यह भी देखें: ड्राइविंग लाइसेंस के लिए यहाँ लगते है 238900 से 334460 रुपये, लाइसेंस पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है
सरकार ने इसे किसानों के लिए सरल और सुलभ बनाया है ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ ले सकें। खासकर छोटे और सीमांत किसान जिनके पास तकनीकी संसाधन कम हैं, उनके लिए CSC सेंटरों पर विशेष सुविधा प्रदान की जा रही है। पंजीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि किसी भी आर्थिक स्थिति वाला किसान इस प्रक्रिया में भाग ले सके।
फार्मर आईडी के फायदे
फार्मर आईडी (Farmer ID) सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली एक डिजिटल पहचान है, जिसे बनवाने से उन्हें कई सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का सीधा लाभ मिलता है। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि फार्मर आईडी बनवाने से आपको क्या-क्या फायदे मिलते हैं।
1. सभी सरकारी योजनाओं में एक ही पहचान से लाभ
फार्मर आईडी बनते ही आप PM-KISAN, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि यंत्र सब्सिडी, सॉइल हेल्थ कार्ड, PM Kusum Scheme, और अन्य कृषि ऋण योजनाओं में एक ही ID से पंजीकरण कर सकते हैं। इससे बार-बार दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ती।
2. फर्जीवाड़े पर रोक और पारदर्शिता
फार्मर आईडी सीधे आधार कार्ड, जमीन के कागजात (जैसे खतौनी) और बैंक खाता से जुड़ी होती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लाभ केवल असली किसानों को मिले, और फर्जीवाड़ा रोका जा सके।
3. योजना का पैसा सीधे खाते में
इस ID की मदद से सरकार आपकी पहचान की पुष्टि करके सीधे आपके बैंक अकाउंट में सब्सिडी या सहायता राशि ट्रांसफर कर सकती है। इससे देरी या बिचौलियों की समस्या नहीं होती।
4. खेती की जानकारी और रिपोर्ट एक जगह
फार्मर आईडी से जुड़ी प्रोफाइल में किसान की फसल की जानकारी, सिंचाई का तरीका, मिट्टी की स्थिति और उपज का अनुमान सब दर्ज किया जा सकता है। इससे किसानों को भविष्य में सटीक सुझाव और रिपोर्ट मिलती है।
PM-KISAN योजना में पंजीकरण कैसे करें
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकरण के लिए pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाकर “New Farmer Registration” विकल्प चुनना होता है। फार्मर आईडी पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, किसान इस पोर्टल पर जाकर अपने विवरण दर्ज कर सकते हैं। एक बार सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो जाने पर, लाभार्थी किसान के खाते में ₹2000 की किस्त हर चार महीने में ट्रांसफर की जाती है, जो साल भर में कुल ₹6000 होती है।
नई व्यवस्था में यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी नए पंजीकरण फार्मर आईडी के माध्यम से ही मान्य होंगे। पुराने लाभार्थियों को भी यह आईडी बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि भविष्य में किसी असुविधा से बचा जा सके। जो किसान यह आईडी नहीं बनवाते, उनका लाभ रोका जा सकता है जब तक वे इसे बनवाकर पंजीकरण पूरा नहीं करते।