कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने प्रो-राटा नियम (Pro-Rata Rule) के तहत कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) की गणना को मंजूरी दे दी है। यह नई व्यवस्था वेतन के आधार पर अनुपातिक पेंशन तय करेगी। इसके लिए EPFO ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसे अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (पेंशन) चंद्रमौली चक्रवर्ती ने हस्ताक्षरित किया है। यह सर्कुलर सभी क्षेत्रीय और जोनल कार्यालयों को भेजा गया है।
क्या है प्रो-राटा नियम?
प्रो-राटा नियम के अनुसार, कर्मचारी की सेवा अवधि को दो हिस्सों में विभाजित कर पेंशन की गणना की जाएगी। इस नियम के तहत, नवंबर 1995 से अगस्त 2014 तक की अवधि के लिए वेतन सीमा ₹6,500 होगी, जबकि सितंबर 2014 के बाद ₹15,000 की सीमा लागू होगी। यह व्यवस्था 1 सितंबर 2014 से लागू मानी जाएगी और उन कर्मचारियों पर लागू होगी जिन्होंने नियमित रूप से अपनी पीएफ (PF) योगदान राशि जमा की है।
हालांकि, हायर पेंशन योजना (Higher Pension Scheme) में शामिल कर्मचारियों पर यह सीमा लागू नहीं होगी, लेकिन उनकी पेंशन कम हो सकती है, क्योंकि इसे दो भागों में विभाजित किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट और श्रम मंत्रालय की भूमिका
इस नए नियम को लेकर श्रम मंत्रालय ने विभिन्न पक्षों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर ध्यान दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में अपने एक फैसले में ट्रस्ट द्वारा संशोधित उपनियमों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। इसके बावजूद, श्रम मंत्रालय ने हायर पेंशन के लिए आवश्यक अन्य निर्देश जारी किए हैं।
हायर पेंशन के लिए दिशानिर्देश
एग्जेम्प्टेड संगठनों (Exempted Organizations) के कर्मचारियों की हायर पेंशन पात्रता उनके संबंधित ट्रस्ट के नियमों के आधार पर तय की जाएगी।
- हायर पेंशन के लिए अतिरिक्त योगदान अनिवार्य होगा।
- रिवीजन के कारण लंबित बकाया राशि को उसी महीने के वेतन के साथ जोड़ा जाएगा।
- धारा 14-बी के तहत कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा, लेकिन बकाया राशि पर ब्याज लिया जाएगा।
प्रोसेसिंग की समय सीमा
EPFO ने स्पष्ट किया है कि हायर पेंशन के सभी प्राप्त आवेदनों को 7 फरवरी 2024 तक प्रोसेस किया जाना चाहिए। केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPF) ने निर्देश दिया है कि 24 जनवरी 2024 तक सभी सत्यापित आवेदनों के लिए पेंशन भुगतान आदेश (Pension Payment Order – PPO) जारी किए जाएं।
जिन कार्यालयों में 5,000 से कम आवेदन हैं, उन्हें भी इस समय सीमा का पालन करना होगा। देरी की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
देरी का कारण और समाधान
CPF आयुक्त ने विभिन्न कार्यालयों में आवेदनों को प्राथमिकता न दिए जाने और देरी पर नाराजगी जताई है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च पेंशन की गणना के लिए समय पर दिशानिर्देश और अतिरिक्त डेटा एंट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराए गए थे। साथ ही, केंद्रीय कार्यालय पर निर्भरता कम करने की सलाह दी गई है। हालांकि, कुछ कार्यालयों ने इस प्रक्रिया को समय पर पूरा कर लिया है।
EPFO के निर्णय का असर
यह कदम उन कर्मचारियों के लिए राहत भरा हो सकता है जो लंबे समय से अपनी पेंशन की गणना में पारदर्शिता और सही नियमों की मांग कर रहे थे। हालांकि, हायर पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों के लिए यह निर्णय जटिल हो सकता है, क्योंकि उनकी पेंशन राशि कम होने की संभावना है।