देशभर के EPS-95 पेंशनरों ने 10-11 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ा धरना-प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया है। पेंशनरों की मुख्य मांगें हैं—न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये की सुनिश्चित करना और मुफ्त चिकित्सा सुविधा देना। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो पेंशनर आमरण अनशन पर भी बैठेंगे।
आंदोलन का ऐलान
यह निर्णय EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति की शनिवार को लखनऊ में हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता लखनऊ मंडल सचिव अशोक वाजपेई ने की, जिसमें पेंशनरों ने अपनी नाराजगी जाहिर की। बैठक में राष्ट्रीय सचिव राजीव भटनागर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रियों द्वारा पेंशनरों को आश्वासन दिए गए थे, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
राजीव भटनागर ने कहा कि आंदोलन से पहले एक दिसंबर को सभी सांसदों को ज्ञापन सौंपा जाएगा और आंदोलन की नोटिस दी जाएगी।
व्यापक संपर्क अभियान
प्रांतीय महामंत्री राजशेखर नागर ने बताया कि दिल्ली में होने वाले इस आंदोलन में अधिक से अधिक संख्या में पेंशनरों को शामिल करने के लिए व्यापक संपर्क अभियान चलाया जाएगा। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशनरों की आवाज़ दिल्ली तक पहुंचे और उनकी मांगों को शीघ्र लागू किया जाए।
यह आंदोलन तब आयोजित किया जा रहा है जब पेंशनरों के जीवन यापन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, और उनकी बढ़ती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने और चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की जा रही है।