कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने पेंशनर्स के लिए एक अहम और बड़े बदलाव की घोषणा की है। 1 जनवरी से लागू हुए इस नए नियम के तहत पेंशनधारक अब अपनी पेंशन राशि देश के किसी भी बैंक से निकाल सकते हैं। इस सुविधा के लिए अब किसी अतिरिक्त सत्यापन (Additional Verification) की आवश्यकता नहीं होगी।
इस बदलाव का उद्देश्य पेंशनधारकों के लिए पेंशन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाना है। पहले, पेंशनर्स को केवल एक निर्धारित बैंक से ही पेंशन राशि प्राप्त करने का विकल्प मिलता था, जो कई बार असुविधाजनक साबित होता था। नए नियमों से लाखों पेंशनर्स को राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो स्थान परिवर्तन करते हैं या अपने प्राथमिक बैंक खाते को बदलना चाहते हैं।
EPS (कर्मचारी पेंशन स्कीम) और इसके लाभ
कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) का उद्देश्य कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद उनके भविष्य को सुरक्षित बनाना है। यह पेंशन योजना उन सभी कर्मचारियों के लिए है जो EPFO के तहत पंजीकृत हैं और कम से कम 10 वर्षों तक योगदान करते हैं। EPS के तहत पेंशन उन कर्मचारियों को दी जाती है जो 58 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होते हैं।
इसके अतिरिक्त, यदि कोई कर्मचारी अपने कामकाजी जीवन के दौरान किसी दुर्घटना या अन्य कारणों से अपंग हो जाता है, तो उसे भी पेंशन का लाभ दिया जाता है। यह योजना कर्मचारियों के वित्तीय सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा संचालित की जाती है।
पेंशन निकालने की नई प्रक्रिया
नए नियमों के तहत पेंशनर्स को अब यह स्वतंत्रता होगी कि वे अपनी पेंशन राशि देश के किसी भी बैंक से निकाल सकें। इसका मतलब है कि पेंशनधारक अपने प्राथमिक बैंक खाते को बदल सकते हैं या किसी अन्य बैंक से सेवाएं ले सकते हैं। यह सुविधा स्थान परिवर्तन करने वाले और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनर्स के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित होगी।
यह बदलाव EPFO सदस्यों के लिए समय और संसाधनों की बचत करेगा। पेंशन प्राप्त करने के लिए अब किसी एक बैंक से बंधे रहना आवश्यक नहीं होगा, जिससे पेंशन प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान और तेज हो जाएगी।
पेंशन प्राप्त करने की पात्रता
पेंशन प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को EPFO के तहत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। कर्मचारी को अपनी आयु सीमा पूरी करने और न्यूनतम 10 वर्षों तक योगदान करने के बाद पेंशन का लाभ मिलता है। अपंगता की स्थिति में यह शर्तें शिथिल हो जाती हैं।