News

कूलर छूते ही लगता है करंट? लोहे और प्लास्टिक वाले कूलर में क्या है बड़ा फर्क – कहीं आप ये गलती तो नहीं कर रहे

कूलर को छूने पर करंट लगना वायरिंग खराबी, अर्थिंग समस्या या पानी के रिसाव के कारण हो सकता है। प्लास्टिक या मेटल कूलर दोनों में करंट आ सकता है, खासकर अगर पानी अधिक भर जाए या उसके ऊपर सामान रख दिया जाए। सुरक्षा के लिए कूलर को लकड़ी के स्टैंड पर रखें, गीले हाथों से न छुएं और चलते समय उसमें पानी न भरें। सावधानी ही सुरक्षा की कुंजी है।

By PMS News
Published on
कूलर छूते ही लगता है करंट? लोहे और प्लास्टिक वाले कूलर में क्या है बड़ा फर्क – कहीं आप ये गलती तो नहीं कर रहे!
Plastic or Metal Coolers

गर्मियों में कूलर एक जरूरी घरेलू उपकरण बन चुका है, लेकिन कई बार कूलर को छूते ही करंट लगना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर जब प्लास्टिक या लोहे के कूलर (Plastic or Metal Coolers) की बॉडी में बिजली का लीक होना शुरू हो जाए, तो यह मामूली बात नहीं होती। दरअसल, यह संकेत है कि आपके कूलर में इलेक्ट्रिकल लीकेज (Electrical Leakage) हो रही है या फिर अर्थिंग-Earthing में गड़बड़ी है।

अगर आपको कूलर से हल्का या तेज करंट महसूस होता है, तो समझ जाइए कि खतरा दरवाजे पर है। इसे नजरअंदाज करने का मतलब जानबूझकर जोखिम उठाना है।

वायरिंग और स्विच बोर्ड में खराबी भी बन सकती है करंट की वजह

कूलर में करंट आने की सबसे सामान्य वजह होती है – टूटी या खराब वायरिंग (Damaged Wiring)। अगर वायर कट चुका है या फट गया है, तो इलेक्ट्रिक करंट मेटल बॉडी के संपर्क में आ सकता है। यही नहीं, कई बार स्विच बोर्ड की खराबी, जैसे ढीला कनेक्शन या अंदर से जला हुआ स्विच भी कूलर की बॉडी को करंट युक्त बना सकता है।

एक और बड़ी गलती होती है – लो क्वालिटी वायर का इस्तेमाल करना। जब वायर टूटता है, तो लोग जल्दीबाज़ी में सस्ते वायर से उसे जोड़ देते हैं, जो करंट रिसाव की संभावना को बढ़ा देता है।

कूलर का भीगना

बहुत से लोग प्लास्टिक कूलर के ऊपर बोतल, गमला या कोई अन्य सामान रख देते हैं। यदि उसमें से पानी छलककर कूलर की मोटर या बॉडी पर गिर जाए, तो यह सीधे-सीधे करंट फैलने का रास्ता खोल देता है। प्लास्टिक बॉडी कूलर भी जब पानी से गीले होते हैं, तो उनमें करंट आ सकता है, खासकर यदि अंदर की वायरिंग एक्सपोज़ हो।

इसलिए जरूरी है कि कूलर के ऊपरी हिस्से को हमेशा खाली रखें और सुनिश्चित करें कि पानी या नमी वहां न पहुंचे।

लिमिट से ज्यादा पानी भरना भी बन सकता है खतरा

कूलर में पानी भरते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि निर्धारित स्तर (Water Level Limit) से ऊपर पानी न जाए। यदि पानी अधिक भर गया और वह इलेक्ट्रिक पैनल तक पहुंच गया, तो करंट फैल सकता है। खासकर मेटल बॉडी कूलर (Metal Body Coolers) में यह खतरा और अधिक होता है क्योंकि धातु बिजली का सुचालक होता है।

करंट से बचने के आसान लेकिन कारगर उपाय

  • सबसे पहले कूलर को लकड़ी के स्टैंड (Wooden Stand) पर रखें ताकि वह सीधे जमीन से संपर्क में न हो।
  • गीले हाथों से कूलर न छुएं।
  • कूलर के चलते समय पानी न भरें, क्योंकि चलती मोटर में पानी जाने से शॉर्ट सर्किट का खतरा होता है।
  • यदि करंट की हल्की सी भी अनुभूति हो, तो तुरंत इलेक्ट्रीशियन से जांच कराएं और कोई भी समझौता न करें।

Leave a Comment