समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर इलाके में एक अनोखी घटना ने पूरे क्षेत्र को हैरानी में डाल दिया। शादी के दिन दुल्हन अपने प्रेमी संग फरार हो गई, जबकि दूल्हा सात फेरों का इंतजार करता रहा। हालात ऐसे बने कि दूल्हे की शादी दुल्हन की छोटी बहन से कराई गई। इसके बाद जब फरार दुल्हन वापस लौटी, तो उसे न घरवालों ने अपनाया और न ही ससुरालवालों ने।
शौच के बहाने निकली और हो गई फरार
21 जून की इस घटना में पबड़ा गांव से रोसड़ा थाना क्षेत्र में बारात पहुंची थी। शादी की तैयारियां जोरों पर थीं, लेकिन सुबह 11 बजे दुल्हन शौच के बहाने घर से निकली और प्रेमी मनीष के साथ फरार हो गई। दुल्हन के चाचा ने बताया कि रात 8 बजे लड़की ने अपने भाई को फोन कर रोसड़ा में होने की सूचना दी। परिवार ने उसे वापस बुलाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं आई।
दूल्हे की शादी साली से कराई गई
बारात को बिना दुल्हन के वापस भेजने के डर से परिवार ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने दुल्हन की छोटी बहन से दूल्हे की शादी कराई और बारात को विदा कर दिया।
सुबह घर लौटी दुल्हन, परिवार ने किया इंकार
अगले दिन सुबह, फरार दुल्हन वापस घर लौटी। उसने दावा किया कि उसे किडनैप किया गया था। उसने बताया कि पड़ोस में रहने वाले मनीष और उसके दोस्तों ने उसका अपहरण किया और मारपीट भी की। लेकिन परिवार ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया।
परिवार ने कहा, ‘अब तुम अपने प्रेमी के साथ रहो’
परिवार ने दुल्हन को घर में रखने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उसकी हरकतों से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। परिवार ने स्पष्ट कर दिया कि अब उसे अपने प्रेमी के साथ ही रहना होगा।
दिनभर चली पंचायत, लेकिन समाधान नहीं निकला
रविवार को इस मामले को सुलझाने के लिए पंचायत बुलाई गई। दिनभर चली पंचायत में परिवार, पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समाधान निकालने की कोशिश की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
दुल्हन के आरोप, मनीष ने किया मारपीट
दुल्हन ने दावा किया कि वह अपनी मर्जी से नहीं गई थी। मनीष और उसके दोस्तों ने उसे किडनैप कर रखा था। उसने कहा कि मनीष ने उसके साथ मारपीट की, लेकिन वह ऐसा क्यों कर रहा था, यह उसे समझ नहीं आया।
पुलिस ने की हस्तक्षेप की कोशिश
भागी हुई दुल्हन के मिलने के बाद पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया और लड़की को परिवार के पास वापस लाने की कोशिश की। लेकिन परिवार ने उसे अपनाने से साफ मना कर दिया।
सामाजिक पहल से भी नहीं निकला समाधान
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मामले को सुलझाने के लिए पहल की, लेकिन दोनों पक्ष किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सके।