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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए यहाँ लगते है 238900 से 334460 रुपये, लाइसेंस पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है

जर्मनी में ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना अब युवाओं और प्रवासियों के लिए चुनौती बन गया है। बढ़ते खर्च, सख्त नियम और प्रशिक्षकों की कमी से यह प्रक्रिया कठिन होती जा रही है। समाधान के लिए सिम्युलेटर और प्रक्रिया सुधार जैसे उपाय सुझाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। यह विशेषाधिकार बनता जा रहा है, जो सबके लिए नहीं रह गया है।

By PMS News
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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए यहाँ लगते है 238900 से 334460 रुपये, लाइसेंस पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है
Germany Driving License

ड्राइविंग लाइसेंस-Driving License बनवाना आज के जर्मनी में केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक लंबी, महंगी और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया बन चुकी है। युवाओं, खासकर विदेश से आए छात्रों के लिए यह अनुभव कभी-कभी हतोत्साहित करने वाला हो सकता है। जर्मनी में लाइसेंस बनवाने की लागत 2,500 यूरो से लेकर 3,500 यूरो तक हो सकती है, जो कि कई बार पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स की पूरी बचत से भी ज्यादा होती है।

ईयू में मान्यता, लेकिन नियम देश के हिसाब से

हालांकि यूरोपीय संघ (EU) के एक देश में बना ड्राइविंग लाइसेंस पूरे ब्लॉक में मान्य होता है, लेकिन इसे बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह राष्ट्रीय नियमों पर आधारित होती है। जर्मनी में ड्राइविंग स्कूलों की सख्त प्रणाली और टेस्टिंग मानक इसे अन्य देशों की तुलना में अधिक महंगा और समय लेने वाला बनाते हैं। उदाहरण के लिए, जर्मनी में 14 थिअरी और 12 प्रैक्टिकल क्लास अनिवार्य हैं, जबकि पोलैंड में भले ही नियम थोड़े ढीले हैं, फिर भी 26 थिअरी और 30 प्रैक्टिकल क्लास आवश्यक होते हैं।

खर्च और मानसिक दबाव

भारत से आई वर्षा अय्यर की कहानी इस स्थिति की सच्ची झलक देती है। उन्होंने जर्मनी में पढ़ाई के दौरान बेकरी में काम कर पैसे जमा किए ताकि ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी कर सकें। थिअरी टेस्ट में वह पास हो गईं, लेकिन प्रैक्टिकल परीक्षा में पांच बार फेल होने के बाद कुल मिलाकर उन्हें 5,000 यूरो खर्च करने पड़े।

यह केवल पैसे की बात नहीं है। टेस्ट के कठिन नियम, भाषा की बाधा और देश की अलग यातायात प्रणाली – ये सभी एक प्रवासी के लिए मुश्किलें बढ़ा देते हैं। वर्षा कहती हैं, “ड्राइविंग लाइसेंस जर्मनी में एक विशेषाधिकार है। यह कुछ गिने-चुने लोगों तक सीमित होता जा रहा है।”

क्या पड़ोसी देशों में लाइसेंस बनवाना हल है?

कई लोग अब पोलैंड जैसे पड़ोसी देशों से लाइसेंस बनवाने का विकल्प तलाश रहे हैं, लेकिन वहां भी चुनौती कम नहीं है। एडीएसी (ADAC) के अनुसार, किसी दूसरे देश में लाइसेंस पाने के लिए वहां कम से कम 185 दिन रहना अनिवार्य है। इसके अलावा यात्रा और रहने का खर्च अलग होता है।

प्रणाली में सुधार की ज़रूरत

क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक यूनियन (CDU) के परिवहन नीति प्रवक्ता फ्लोरियान म्यूलर मानते हैं कि ड्राइविंग एजुकेशन को “समय के अनुसार और आधुनिक” बनाया जाना चाहिए। वह किफायती और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर जोर देते हैं। हालांकि उनके प्रस्तावों को बुंडेसटाग में खारिज कर दिया गया, लेकिन बहस अब तेज होती जा रही है।

ड्राइविंग सिम्युलेटर बन सकते हैं सहायक

महंगे प्रशिक्षण और प्रशिक्षकों की कमी को देखते हुए, ड्राइविंग सिम्युलेटर एक व्यवहारिक समाधान के रूप में उभर रहे हैं। ये शुरुआती चरणों में गियर बदलने, ब्रेक लगाने जैसी बेसिक चीजें सिखा सकते हैं। फ्रांस में ये पहले से उपयोग में हैं, लेकिन जर्मनी में इसे अब तक आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है।

समस्या सिर्फ परीक्षा नहीं, मानसिकता भी है

ड्राइविंग स्कूल संघ के प्रमुख कुर्ट बार्टेल्स का कहना है कि युवा अब पहले की तरह ट्रैफिक को लेकर गंभीर नहीं हैं। स्मार्टफोन की आदतों ने उनकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित किया है। इसके अलावा, नए यातायात उपकरणों और तकनीक जैसे ई-स्कूटर और एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम ने ड्राइविंग को और जटिल बना दिया है।

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