दिल्ली में एक बार फिर बुलडोजर अभियान ने जोर पकड़ लिया है। इस बार निशाना बना है पुराने बारापुल्ला पुल के पास स्थित 50 साल पुराने मद्रासी कैंप का, जहां लगभग 500 घरों पर बुलडोजर चलाने की योजना बनाई जा रही है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इन निवासियों को नोटिस देकर अपने घर खाली करने का आदेश दिया है। इस अभियान के पीछे सरकार का उद्देश्य नए फ्लाईओवर का निर्माण बताया जा रहा है, लेकिन इस फैसले का विरोध स्थानीय लोग बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच इस मुद्दे को लेकर टकराव की स्थिति बन गई है। दिल्ली के मंत्री आतिशी ने PWD को किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ न करने का निर्देश दिया है। आतिशी का कहना है कि यह इलाका DUSIB (दिल्ली शहरी शरणार्थी सुधार बोर्ड) द्वारा नोटिफाइड झुग्गी बस्ती में आता है, इसलिए यहां के निवासियों को पुनर्वास का अधिकार है। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार इस क्षेत्र को खाली कराने पर अड़ी हुई है, जिससे यह मामला और अधिक विवादास्पद हो गया है।
दिल्ली में बुलडोजर अभियान क्या है
दिल्ली में बुलडोजर अभियान का उद्देश्य अवैध निर्माण और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण को हटाना है। इस अभियान का संचालन मुख्य रूप से दिल्ली नगर निगम (MCD) और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता है। इस अभियान की शुरुआत 2022 में हुई थी और इसे दिल्ली के विभिन्न इलाकों में लागू किया जा रहा है।
अभियान का मुख्य उद्देश्य
- सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाना
- अवैध निर्माण को गिराना
- शहर में कानूनी ढांचे को मजबूत बनाना
हालांकि, इस अभियान के कारण कई गरीब परिवारों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है, जिसके चलते यह अभियान एक विवाद का विषय बन गया है।
मद्रासी कैंप में बुलडोजर की तैयारी
पुराने बारापुल्ला पुल के पास स्थित मद्रासी कैंप में PWD ने लगभग 500 घरों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी की है। PWD ने इस इलाके के निवासियों को 5 दिनों का नोटिस देकर अपने घर खाली करने का आदेश दिया है। यह बस्ती करीब 50 साल पुरानी है, और यहां मुख्य रूप से तमिलनाडु से आए लोग रहते हैं। इन निवासियों का कहना है कि उनके पास वैध दस्तावेज जैसे कि वोटर आईडी और अन्य पहचान पत्र मौजूद हैं, और वे यहां से जाने को तैयार नहीं हैं।
विरोध के कारण
मद्रासी कैंप के निवासी इस अभियान का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने अपनी मांगे रखते हुए कहा है कि उन्हें अचानक बेघर करना अनुचित है और इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है।
मुख्य विरोध के कारणों में शामिल हैं:
- निवासियों के पास वैध दस्तावेज और वोटर आईडी हैं।
- पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
- अचानक नोटिस देकर घर खाली कराना अनुचित है।
- गरीब लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
दिल्ली सरकार का रुख
दिल्ली सरकार ने इस मामले में PWD के आदेशों को रोकने का प्रयास किया है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा है कि मद्रासी कैंप DUSIB द्वारा नोटिफाइड झुग्गी बस्ती है और वहां के निवासियों को पुनर्वास का अधिकार है। उन्होंने PWD को निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ न की जाए।
दिल्ली सरकार के तर्क
- मद्रासी कैंप एक DUSIB नोटिफाइड बस्ती है।
- निवासियों को पुनर्वास का कानूनी अधिकार है।
- PWD के पास इस जमीन पर बुलडोजर चलाने का अधिकार नहीं है।
केंद्र सरकार का रुख
केंद्र सरकार इस इलाके को खाली कराने की अपनी मंशा पर अड़ी हुई है। उनका कहना है कि यह जमीन रेलवे की है, और यहां नए फ्लाईओवर का निर्माण करने की योजना है। केंद्र का मानना है कि अवैध कब्जों को हटाना आवश्यक है ताकि विकास कार्यों को बिना किसी रुकावट के अंजाम दिया जा सके।
केंद्र सरकार के तर्क
- जमीन रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आती है।
- फ्लाईओवर निर्माण के लिए इस इलाके का खाली होना आवश्यक है।
- अवैध कब्जों को हटाना कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है।
हाई कोर्ट का हस्तक्षेप
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी हस्तक्षेप किया है। हाई कोर्ट ने फिलहाल किसी भी तरह की तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है और दिल्ली सरकार, PWD और DDA से स्थिति रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सभी पक्षों से निवासियों के पुनर्वास पर विचार करने का निर्देश दिया है और अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने को कहा है।
हाई कोर्ट के निर्देश
- किसी भी तरह की तोड़फोड़ न की जाए।
- सभी पक्षों से स्थिति रिपोर्ट मांगी गई है।
- निवासियों के पुनर्वास पर विचार किया जाएगा।
दिल्ली में अन्य बुलडोजर अभियान
मद्रासी कैंप के अलावा दिल्ली के अन्य कई इलाकों में भी बुलडोजर अभियान चलाया जा रहा है। दिल्ली नगर निगम ने 12 जोन में अवैध निर्माण को गिराने की योजना बनाई है, जिनमें प्रमुख क्षेत्रों में दक्षिणी दिल्ली, नजफगढ़, नरेला, सिविल लाइन, भलस्वा डेरी और मुखर्जी नगर शामिल हैं।
बुलडोजर अभियान पर बढ़ता विवाद
दिल्ली में बुलडोजर अभियान को लेकर कई पक्षों में विवाद है। गरीब लोगों का मानना है कि यह उनके खिलाफ एक प्रकार की कार्रवाई है, जबकि सरकार इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बताती है।
विवाद के मुख्य मुद्दे
- क्या यह अभियान गरीब विरोधी है?
- पुनर्वास की कोई उचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
- क्या यह राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है?
- अवैध निर्माण की सटीक परिभाषा क्या होनी चाहिए?
बुलडोजर अभियान का भविष्य
दिल्ली में चल रहे इस बुलडोजर अभियान का भविष्य फिलहाल अनिश्चित है। सरकार का कहना है कि यह अभियान जारी रहेगा, लेकिन कोर्ट और जनता के विरोध के कारण इसमें कुछ बदलाव की संभावना भी है।
भविष्य की संभावनाएं
- अभियान जारी रहेगा, लेकिन पुनर्वास पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
- कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
- राजनीतिक दबाव के कारण कुछ बदलाव भी हो सकते हैं।
मद्रासी कैंप में चल रहे बुलडोजर अभियान ने दिल्ली में पुनर्वास और बेदखली के मुद्दे को एक बार फिर सामने ला दिया है। दिल्ली और केंद्र सरकार के अलग-अलग रुख के चलते यह मामला और जटिल हो गया है। अब देखना यह है कि हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद इस मामले में क्या निर्णय लिया जाएगा।