News

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से सफर होगा सिर्फ ढाई घंटे का, केंद्रीय मंत्री ने किया प्रोजेक्ट का निरीक्षण

210 किलोमीटर लंबा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे जल्द ही जनता के लिए खुलेगा। यह सफर को घंटों से मिनटों में बदल देगा और दिल्ली, मेरठ, सहारनपुर समेत कई शहरों को ट्रैफिक से राहत देगा। ₹12,000 करोड़ की लागत से बन रहे इस मार्ग में पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया है। यह प्रोजेक्ट न केवल यात्रा को तेज करेगा, बल्कि टिकाऊ और सुरक्षित भी बनाएगा।

By PMS News
Published on
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से सफर होगा सिर्फ ढाई घंटे का, केंद्रीय मंत्री ने किया प्रोजेक्ट का निरीक्षण
Delhi-Dehradun Expressway

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भारत की सड़क विकास परियोजनाओं में एक नई मिसाल बनने जा रहा है। लगभग 210 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से देहरादून की यात्रा को ना सिर्फ तेजी से पूरा करेगा बल्कि रास्ते भर होने वाले जाम और थकावट को भी अलविदा कहेगा। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे, अब अपने अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही आम नागरिकों के लिए खोल दिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने हाल ही में इस मार्ग का निरीक्षण कर इसकी स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि शेष कार्य समयसीमा में पूरा हो।

यह एक्सप्रेसवे अक्षरधाम मंदिर से शुरू होकर बागपत, बड़ौत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर होते हुए देहरादून पहुंचेगा। इसके साथ एक विशेष डायवर्जन हरिद्वार की ओर भी होगा, जो खासकर चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को बहुत सुविधा देगा।

ट्रैफिक से राहत और समय की बचत

एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और आसपास के क्षेत्रों से देहरादून जाने वाले यात्रियों को लंबे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। इसके साथ ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे समेत अन्य सात हाईवे पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। अब यात्रियों को घंटों का सफर कुछ ही घंटों में पूरा करने का अवसर मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे खासकर उन लोगों के लिए वरदान साबित होगा जो रोजाना ट्रैवल करते हैं या फिर पर्यटन अथवा धार्मिक यात्रा के उद्देश्य से देहरादून और हरिद्वार का रुख करते हैं।

सफर होगा तेज, सुरक्षित और आरामदायक

₹12,000 करोड़ की लागत से बन रहा यह एक्सप्रेसवे अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है और इस पर 100 किमी/घंटा की रफ्तार से वाहन चलाने की अनुमति होगी। बेहतर रोड क्वालिटी, कम मोड़ और सुव्यवस्थित लेन सिस्टम के चलते यह यात्रा न सिर्फ सुरक्षित होगी, बल्कि बहुत आरामदायक भी। इस नए एक्सप्रेसवे से भविष्य में लॉजिस्टिक्स और पर्यटन उद्योग को भी भारी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

पर्यावरण संरक्षण की भी प्राथमिकता

यह एक्सप्रेसवे सिर्फ गति और सुविधा की मिसाल नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी एक नया अध्याय जोड़ता है। राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में बनने वाला 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर, एशिया का सबसे बड़ा एलिवेटेड कॉरिडोर होगा। इसका निर्माण इस सोच के साथ किया गया है कि जानवरों की आवाजाही पर कोई असर न हो। परियोजना में ग्रीन बेल्ट, ध्वनि अवरोधक दीवारें और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी तकनीकों का भी उपयोग किया गया है, जिससे इसे एक सतत विकास परियोजना का दर्जा मिलता है।

Leave a Comment