देशभर में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) से चिंतित सरकारें इसे नियंत्रित करने के लिए लगातार नए कदम उठा रही हैं। दिल्ली, जो पहले से ही प्रदूषण के उच्च स्तर के लिए जानी जाती है, में अब परिवहन विभाग (Transport Department) ने एक नई व्यवस्था लागू की है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गाड़ियों पर कलर कोडेड स्टिकर (Color-Coded Stickers) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम ईंधन के प्रकार की पहचान और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस नियम का पालन नहीं करने पर गाड़ी मालिकों को भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।
क्रोमियम-आधारित होलोग्राम स्टिकर की अनिवार्यता
दिल्ली में अब गाड़ियों पर क्रोमियम-आधारित होलोग्राम स्टिकर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 12 अगस्त 2018 के आदेश और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 50 में किए गए संशोधन के अनुसार लिया गया है। इस स्टिकर में गाड़ी की ईंधन श्रेणी और प्रदूषण प्रमाण की जानकारी स्पष्ट रूप से अंकित होगी। यह न केवल गाड़ियों की निगरानी को आसान बनाएगा, बल्कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान भी सुनिश्चित करेगा।
किन गाड़ियों पर लागू होगा यह नियम?
यह नियम 1 अप्रैल 2019 के बाद पंजीकृत नई गाड़ियों और 31 मार्च 2019 से पहले पंजीकृत पुरानी गाड़ियों पर लागू होगा। हर वाहन मालिक को अपनी गाड़ी की विंडस्क्रीन पर यह स्टिकर लगाना होगा।
स्टिकर की जानकारी
- पंजीकरण नंबर
- लेजर-ब्रांडेड पिन
- गाड़ी का इंजन और चेचिस नंबर
SIAM की वेबसाइट से स्टिकर कैसे मंगवाएं?
इस स्टिकर को प्राप्त करने के लिए वाहन मालिक सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं। वहां से स्टिकर की ऑनलाइन बुकिंग कर इसे घर पर मंगवाना संभव है। इसके अलावा, गाड़ी डीलर से भी स्टिकर उपलब्ध कराया जा सकता है।
10,000 रुपये तक का जुर्माना
यदि आप इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो आपको 5,000 रुपये से 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। दिल्ली सरकार ने यह नियम हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और ईंधन की पहचान सुनिश्चित करने के लिए लागू किया है। यह कदम पर्यावरणीय सुरक्षा की दिशा में एक बड़ी पहल है।