केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का लंबे समय से इंतजार था कि सरकार 8वें वेतन आयोग का गठन करेगी, जिससे उनके वेतन, भत्तों और पेंशन में वृद्धि हो सके। लेकिन हाल ही में, 3 दिसंबर 2024 को सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है। यह घोषणा केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ा झटका है।
क्यों था 8वें वेतन आयोग का इंतजार?
केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) का गठन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके जरिए सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों में संशोधन किया जाता है। हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित होता है, जो कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और महंगाई के आधार पर वेतन वृद्धि की सिफारिश करता है। यह वेतन आयोग कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में सुधार करता है, जिससे महंगाई का असर कम हो सके और कर्मचारियों की जीवनस्तर में सुधार हो।
क्या कहा सरकार ने?
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि सरकार वर्तमान में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन पर विचार नहीं कर रही है। राज्यसभा में यह सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार 2025-26 के केंद्रीय बजट में 8वें वेतन आयोग की घोषणा करने की योजना बना रही है। पंकज चौधरी ने साफ किया कि फिलहाल इस पर कोई विचार नहीं हो रहा है।
केंद्रीय वेतन आयोग का गठन और इसका महत्व
केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) हर दस साल पर गठित होता है और यह सरकार के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बदलाव के लिए सिफारिशें करता है। उदाहरण के लिए, 7वां वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को गठित किया गया था, और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। इस आयोग ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) और पेंशन में बढ़ोतरी दी थी। इस आयोग के गठन के बाद कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और उनके वेतन में बढ़ोतरी हुई।
अब, कर्मचारी 8वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे थे, जिसे 2026 में लागू होने की उम्मीद थी। 8वें वेतन आयोग के गठन से कर्मचारियों के वेतन, महंगाई भत्ता और पेंशन में वृद्धि होने की संभावना थी।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की उम्मीदें
सरकार की घोषणा के बाद, केंद्रीय कर्मचारियों को अब अगला वेतन आयोग बनने तक इंतजार करना होगा। फिलहाल, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 53 प्रतिशत का महंगाई भत्ता (DA) मिल रहा है, और पेंशनभोगियों को भी समान भत्ता दिया जा रहा है। सरकार हर साल दो बार (जनवरी और जुलाई में) इस भत्ते में वृद्धि करती है, जो कर्मचारियों के लिए राहत का कारण बनता है।
लेकिन अब जब 8वें वेतन आयोग के गठन पर सरकार का रुख साफ हो चुका है, तो कर्मचारियों को अपनी उम्मीदों को अगले कुछ वर्षों के लिए टालना पड़ेगा।