वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को देश का बजट पेश करेंगी, और इस बार के बजट से आम नागरिकों से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक सभी को खास उम्मीदें हैं। केंद्रीय कर्मचारियों को खासतौर पर इस बजट से उम्मीद है कि उनके लिए कुछ विशेष घोषणाएं की जाएंगी। वे लंबे समय से अपनी सैलरी में इजाफा और फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, ताकि महंगाई का मुकाबला किया जा सके। इस बार का बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है, और माना जा रहा है कि इस बजट में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत मिल सकती है।
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर वह सूत्र है, जिसके आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय की जाती है। इस फैक्टर के द्वारा ही महंगाई भत्ता (DA) और अन्य भत्ते भी निर्धारित किए जाते हैं। अगर फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की जाती है, तो इसका सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा। 2016 में फिटमेंट फैक्टर को आखिरी बार बढ़ाया गया था, जिसके बाद न्यूनतम बेसिक सैलरी को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया था। अब इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 26,000 रुपये तक किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों को एक अच्छा लाभ मिलेगा।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
फिटमेंट फैक्टर में प्रस्तावित बढ़ोतरी के बाद, केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये हो सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि कर्मचारियों की सैलरी में सीधे तौर पर 8,000 रुपये का इजाफा हो सकता है। यह बदलाव कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायक साबित होगा, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो महंगाई का सामना कर रहे हैं।
महंगाई भत्ते में भी बढ़ोतरी
जब बेसिक सैलरी बढ़ेगी, तो स्वाभाविक रूप से महंगाई भत्ता (DA) भी बढ़ेगा। वर्तमान में, DA बेसिक सैलरी का 53% है। यदि बेसिक सैलरी 26,000 रुपये हो जाती है, तो DA भी उसी अनुपात में बढ़ेगा। महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी हर साल दो बार, जनवरी और जुलाई में की जाती है, और इसका लाभ कर्मचारियों को तुरंत मिल सकता है। इससे कर्मचारियों की कुल सैलरी में एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हो सकती है, जो उनके खर्चों को संतुलित करने में मदद करेगी।