वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की। 1 नवंबर 2019 से लागू हुए इन नियमों के तहत, सरकार ने कैश लेन-देन (Cash Transaction Rules) को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। सरकार का उद्देश्य डिजिटल इकोनॉमी (Digital Economy) को बढ़ावा देना है, जिससे भ्रष्टाचार और बेहिसाबी नकद लेन-देन पर नियंत्रण पाया जा सके। इस लेख में हम आपको उन सभी प्रमुख नियमों के बारे में जानकारी देंगे, जो अब कैश लेन-देन से संबंधित हैं।
कैश लेन-देन में पेनल्टी और सीमाएं
अब तक, सरकार ने कैश लेन-देन के लिए कई नये नियम और प्रतिबंध लागू किए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों को इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है।
अगर कोई व्यक्ति बैंक से सीधे कैश लोन लेता है तो 20,000 रुपये तक का लोन स्वीकार्य है, लेकिन 20,000 रुपये से ज्यादा के कैश लोन पर 100% पेनल्टी का प्रावधान है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति 2,000 रुपये से ज्यादा कैश में दान करता है तो उसे 80G के तहत टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
घर में कैश रखने के नियम
हालांकि, घर में कैश रखने की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन इसका सोर्स बताना अब अनिवार्य है। अगर कोई व्यक्ति कैश का सोर्स नहीं बता पाता है, तो उस पर 137% तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यही कारण है कि अब लोगों को अपनी वित्तीय स्थिति और नकद जमा की जानकारी देना बेहद जरूरी हो गया है।
बैंक से कैश निकालने और जमा करने के नियम
बैंक में कैश जमा करने और निकालने के नियम भी अब सख्त हो गए हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक बार में 2 लाख रुपये या उससे अधिक जमा करने जा रहे हैं, तो आपको पैन कार्ड नंबर देना होगा। इसी प्रकार, डिमांड ड्राफ्ट (DD) या पे ऑर्डर बनवाने के लिए भी पैन कार्ड की जानकारी जरूरी होगी।
डिजिटल पेमेंट का बढ़ावा
1 नवंबर 2019 से लागू हुए नए नियमों के तहत, 50 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को अब इलेक्ट्रॉनिक मोड से ही भुगतान प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इस बदलाव के साथ, डिजिटल लेन-देन में कोई शुल्क या अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा। इससे सरकार का उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना और काले धन पर काबू पाना है।
दान और लोन की सीमा
कैश में दान देने की सीमा अब 10,000 रुपये से घटाकर 2,000 रुपये कर दी गई है। यदि आप 2,000 रुपये से अधिक कैश में दान करते हैं, तो 80G के तहत आपको टैक्स में कोई छूट नहीं मिलेगी। इसके अलावा, अगर किसी को बैंक से लोन मिलता है और वह लोन 20,000 रुपये से अधिक का होता है, तो उस पर पेनल्टी की संभावना है।
शादी में कैश के खर्च पर नियम
शादी के खर्चे में अब कैश का लेन-देन भी नियंत्रण में रहेगा। यदि आप शादी में 2 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी करते हैं, तो इस जानकारी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जाना होगा। यदि आप इसका स्रोत नहीं बता पाते, तो 78% टैक्स और ब्याज लग सकता है। यह नियम काले धन को रोकने और कर चोरी को कम करने के लिए लागू किया गया है।
प्रॉपर्टी और राजनीतिक दान
प्रॉपर्टी बेचने पर कैश में लेन-देन की सीमा अब 20,000 रुपये तक सीमित कर दी गई है। यदि आप इससे अधिक कैश में प्रॉपर्टी की बिक्री करते हैं, तो आपको 100% पेनल्टी का सामना करना पड़ेगा। इसी प्रकार, राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे के लिए भी नियमों में बदलाव किए गए हैं। 2,000 रुपये से अधिक की राशि बैंक चेक, ड्राफ्ट, इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ECS) या चुनावी बांड (Electoral Bonds) के माध्यम से दी जानी चाहिए।