Career Tips: क्या आप भी 12वीं के बाद साईंस स्ट्रीम के कोर्सेज में दाखिला लेकर अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना चाहते हैं? अगर हां, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम आपको बताएंगे कि किन कोर्सेज में एडमिशन लेना आपके भविष्य के लिए लाभकारी नहीं होगा। इस रिपोर्ट के माध्यम से आप उन कोर्सेज के बारे में जानेंगे, जिनकी डिमांड तेजी से घट रही है और जो आपके करियर को प्रभावित कर सकते हैं।
Career Tips
साईंस स्ट्रीम में 12वीं के बाद करियर बनाने के कई विकल्प मौजूद हैं। लेकिन बदलते समय और टेक्नोलॉजी में तेजी से हो रहे विकास ने कई पारंपरिक कोर्सेज की डिमांड कम कर दी है। Career Tips के तहत हम उन कोर्सेज की चर्चा करेंगे, जो अब करियर ग्रोथ के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इनमें बॉटनी (Botany), जूलॉजी (Zoology), और माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology) जैसे विषय शामिल हैं।
बॉटनी (Botany) क्यों नहीं है फायदेमंद?
प्लांट साइंस के ज्यादातर पहलू अब जेनेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और एनवायरमेंटल साइंस जैसे मॉडर्न विषयों में शामिल कर दिए गए हैं। इससे अलग से बॉटनी की डिग्री लेने का महत्व कम हो गया है। आज के दौर में यह डिग्री कम प्रैक्टिकल अप्रोच और कम डिमांड वाले क्षेत्रों में सीमित हो गई है।
जूलॉजी (Zoology)
जूलॉजी अब वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन, इकोलॉजी और बायोलॉजी जैसे एडवांस्ड कोर्सेज में शामिल है। इसका मतलब यह है कि अलग से जूलॉजी की पढ़ाई करना आपके करियर को वो बढ़ावा नहीं देगा, जिसकी आपको आवश्यकता है। नई टेक्नोलॉजी और इंटिग्रेटेड कोर्सेज के चलते जूलॉजी की डिमांड में लगातार कमी आई है।
माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
माइक्रोबायोलॉजी को अब बायोटेक्नोलॉजी, जेनेटिक्स और इम्यूनोलॉजी जैसे विषयों में शामिल कर लिया गया है। इसका अर्थ यह है कि माइक्रोबायोलॉजी को एक अलग कोर्स के रूप में पढ़ना अब अनिवार्य नहीं है। करियर के लिहाज से यह कोर्स आज की इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा नहीं करता।
कौन से कोर्सेज हैं जिनसे बचना चाहिए?
Career Tips के अनुसार, साईंस स्ट्रीम के इन कोर्सेज को करने से आपको भविष्य में नौकरी मिलने की संभावना कम हो सकती है:
- फिजियोलॉजी (Physiology)
- जियोलॉजी (Geology)
- मीटियोरोलॉजी (Meteorology)
- स्पेस साइंस (Space Science)
- बायोकेमिस्ट्री (Biochemistry)
इन कोर्सेज की डिमांड में गिरावट के पीछे मुख्य कारण हैं – टेक्नोलॉजी में तेजी से हो रहा बदलाव, ऑटोमेशन और इंडस्ट्री की बदलती जरूरतें।
साईंस कोर्सेज की डिमांड में गिरावट के कारण
साईंस स्ट्रीम के इन कोर्सेज की गिरती लोकप्रियता के पीछे कई कारण हैं:
- टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट और ऑटोमेशन: नई तकनीकों और मशीनों ने पुराने विषयों की जगह ले ली है।
- इंडस्ट्री में बदलाव: इंडस्ट्री अब ज्यादा प्रैक्टिकल और मल्टी-डिसिप्लिनरी स्किल्स की मांग कर रही है।
- शिक्षा और प्रशिक्षण में बदलाव: अब कोर्सेज को जॉब-ऑरिएंटेड बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
- आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन: इन कोर्सेज से मिलने वाली नौकरियां सीमित हो गई हैं और उनकी सैलरी पैकेज भी कम हो गया है।