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कारों में पेट्रोल टैंक लेफ्ट साइड में ही क्यों होता है? वजह जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

कारों में पेट्रोल टैंक बाईं ओर रखने का निर्णय सुरक्षा, सुविधा और इंजीनियरिंग संगतता पर आधारित होता है। यह स्थान न केवल ड्राइवर को सड़क से दूर रखकर सुरक्षा देता है बल्कि पेट्रोल पंप पर पार्किंग को आसान भी बनाता है। ड्राइविंग नियम, इंजन डिजाइन और इंटरनेशनल मानक भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे यह डिजाइन व्यावहारिक और सुरक्षित बनता है।

By PMS News
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कारों में पेट्रोल टैंक लेफ्ट साइड में ही क्यों होता है? वजह जानकर उड़ जाएंगे आपके होश
Car Design

अक्सर हम देखते हैं कि कारों में पेट्रोल की टंकी बाईं तरफ होती है और यह हमें छोटी सी बात लगती है। लेकिन ऐसा क्यों होता है, इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे गाड़ी का डिज़ाइन, सुरक्षा और दुनिया भर के नियम। आजकल कार बनाने वाली कंपनियां ऐसे छोटे-छोटे फैसले भी सोच-समझकर लेती हैं। सड़क किस तरफ है, सुरक्षा के नियम क्या हैं और इंजन का डिज़ाइन कैसा है ये सब बातें मायने रखती हैं। चलिए समझते हैं कि यह तकनीकी फैसला क्यों लिया जाता है।

सुरक्षा के लिहाज़ से क्यों बाईं ओर होता है पेट्रोल टैंक

सड़क पर गाड़ी खड़ी कर पेट्रोल भरना हर ड्राइवर की सामान्य दिनचर्या है। ऐसे में यदि पेट्रोल टैंक बाईं ओर होता है, तो ड्राइवर को पेट्रोल भरते समय सड़क की ओर पीठ करनी पड़ती है, जिससे वह तेज़ी से आती गाड़ियों से सुरक्षित रहता है। यह विशेष रूप से उन देशों में अधिक प्रभावी है जहां लेफ्ट-हैंड ड्राइविंग यानी बाईं ओर ड्राइव करने का नियम लागू है।

सुविधा और ड्राइविंग सिस्टम के अनुकूलता

पेट्रोल पंप पर वाहन को खड़ा करना तब अधिक सहज होता है जब टैंक गाड़ी की उस साइड हो जहां ड्राइवर बैठा होता है। बाईं ओर स्टीयरिंग व्हील होने की स्थिति में यह स्थानिक तालमेल ड्राइवर के लिए पेट्रोल भरवाने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। यही कारण है कि यूके, भारत और जापान जैसे देशों में अधिकतर गाड़ियों में टैंक बाईं ओर देखने को मिलता है।

ड्राइवर वरीयता और उपभोक्ता अनुभव

अमेरिकी कार निर्माता कंपनियाँ अपने ग्राहकों की आदतों को ध्यान में रखते हुए अक्सर पेट्रोल टैंक बाईं ओर ही रखती हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि यह लेआउट ड्राइवर को पार्किंग और पेट्रोल भरने के समय अधिक नियंत्रण और दृश्यता प्रदान करता है। ड्राइवर को खुद पेट्रोल भरना हो या पंप अटेंडेंट से करवाना हो, बाईं ओर टैंक होने से स्थिति अधिक सहज बनती है।

इंजन के घटकों के साथ इंजीनियरिंग समन्वय

पेट्रोल टैंक का स्थान कार के मैकेनिकल लेआउट पर भी निर्भर करता है। कई बार एक्सल, एग्जॉस्ट सिस्टम और फ्यूल लाइन की स्थिति ऐसी होती है कि टैंक को बाईं ओर रखना ही तकनीकी रूप से अधिक व्यावहारिक होता है। इससे फ्यूल ट्रांसफर में दबाव, तापमान नियंत्रण और फ्यूल पंप की दक्षता बनी रहती है।

सड़क के किनारे रुकने पर सुरक्षा लाभ

रोजमर्रा की स्थितियों में कई बार हमें सड़क के किनारे पेट्रोल भरने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसे में अगर पेट्रोल टैंक सड़क की ओर न होकर अंदरूनी साइड यानी बाईं ओर हो, तो ड्राइवर सड़क के ट्रैफिक से सुरक्षित रहता है। यह संरचना आकस्मिक दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने में मदद करती है।

राष्ट्रों के नियम और सांस्कृतिक प्रभाव

हर देश की ड्राइविंग व्यवस्था और यातायात संस्कृति अलग होती है। कई देशों में बाईं ओर चलने का नियम है, तो वहीं कुछ देशों में दाईं ओर। यही वजह है कि कार निर्माताओं को लोकल रोड नियमों के अनुसार वाहन डिज़ाइन करना होता है। यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है जिससे पेट्रोल टैंक की साइड तय की जाती है।

इंटरनेशनल स्टैंडर्ड और डिज़ाइन प्रोटोकॉल

आज की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री सख्त अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार कार्य करती है। UN ECE regulations और ISO जैसे संगठन पेट्रोल टैंक की स्थिति, उसकी संरचना और सेफ्टी के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं। इन मानकों के अनुसार टैंक का स्थान तय करना वाहन निर्माताओं के लिए आवश्यक होता है, जिससे ग्लोबल सेफ्टी कंफॉर्मेंस सुनिश्चित हो सके।

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