कोविड-19 महामारी के दौरान, जब भारत पूरी तरह से लॉकडाउन और आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक करीब 18 महीनों के लिए केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनर्स की महंगाई राहत (DR) का पेमेंट रोक दिया था। इस फैसले से करोड़ों कर्मचारी और पेंशनर्स प्रभावित हुए थे। अब 2025 के बजट से उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी सरकार इस रुके हुए डीए और डीआर एरियर का भुगतान कर सकती है, जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत का कारण बन सकता है।
डीए एरियर की मांग (DA Arrears)
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संगठन संयुक्त सलाहकार मशीनरी (JCM) के सचिव, शिव गोपाल मिश्रा ने बार-बार सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की है। उनका कहना है कि कोविड-19 के कारण वित्तीय संकट और आर्थिक मंदी के बावजूद, अब स्थिति पहले से बेहतर हो चुकी है और देश आर्थिक रूप से उबर रहा है।
ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनर्स का डीए एरियर जारी किया जाना चाहिए, ताकि उनकी जीवन-स्तर में सुधार हो सके। उनका यह भी मानना है कि 18 महीने का लंबित डीए एरियर न केवल कर्मचारियों के लिए आर्थिक राहत होगा, बल्कि इससे सरकार की ओर से कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक संकेत भी जाएगा।
बजट 2025 से उम्मीदें
2025 का बजट केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। महंगाई के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए डीए और डीआर एरियर का भुगतान एक बड़ी राहत हो सकता है। यह बजट मोदी सरकार का तीसरे टर्म का पहला पूर्ण बजट होगा, और इसलिए कर्मचारियों की उम्मीदें और भी अधिक हैं। यदि सरकार इस प्रस्ताव पर विचार करती है और इसे मंजूरी देती है, तो यह न केवल कर्मचारियों के वित्तीय संकट को दूर करेगा, बल्कि यह एक मजबूत संकेत होगा कि सरकार कर्मचारियों की भलाई के लिए काम कर रही है।
क्या हो सकता है फैसला?
हालांकि, अभी तक सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया है, लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ आम जनता की यह अपेक्षाएँ काफी अधिक हैं। अगर सरकार डीए और डीआर एरियर के भुगतान को मंजूरी देती है, तो यह कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी होगी, जिससे उनका जीवन-स्तर बेहतर होगा।
साथ ही, यह निर्णय महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था की बहाली को भी दिखाएगा। कर्मचारियों के लिए यह न केवल आर्थिक राहत होगी, बल्कि सरकार की ओर से कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।