बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा 10वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CCE) 2024 के आयोजन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ, लेकिन आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने स्पष्ट किया कि परीक्षा रद्द करने का कोई सवाल नहीं है। केवल बापू परीक्षा परिसर में आयोजित परीक्षा में गड़बड़ियों के चलते इसे दोबारा आयोजित करने का निर्णय लिया गया। यह कदम अभ्यर्थियों के हित में उठाया गया है, ताकि उनकी मेहनत बेकार न जाए।
विवाद की पृष्ठभूमि और समाधान
13 दिसंबर 2024 को आयोजित परीक्षा में गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आईं, विशेष रूप से बापू परीक्षा केंद्र को लेकर। जिला प्रशासन के प्रतिवेदन के आधार पर आयोग ने यह निर्णय लिया कि केवल इसी केंद्र पर परीक्षा दोबारा कराई जाएगी। इसके साथ ही आयोग ने अन्य अभ्यर्थियों से अप्रैल 2025 में संभावित मुख्य परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।
दोबारा परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को 4 जनवरी 2025 को आयोजित होने वाली प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी का निर्देश दिया गया है। आयोग ने गड़बड़ियों में शामिल 34 अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिनसे 26 दिसंबर तक जवाब मांगा गया है।
कोचिंग संस्थानों की भूमिका और कार्रवाई
परीक्षा को लेकर हो रहे प्रदर्शन में कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी सामने आई है। आयोग ने ऐसे संस्थानों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। आयोग के अनुसार, अफवाहें फैलाई गईं कि प्रश्नपत्र कुछ कोचिंग संस्थानों के मॉडल पेपर से लिए गए थे, जो जांच के बाद निराधार साबित हुईं।
दोबारा परीक्षा कराने की मांग पर आयोग का रुख
आयोग ने बिना किसी ठोस आधार के परीक्षा रद्द करने और दोबारा कराने की मांग को अव्यवहारिक बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन की मदद से व्यापक इंतजाम किए गए थे। बापू परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी।