अगर आप बिहार राज्य के किसान हैं और आपकी फसलें प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावित हो रही हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। बिहार राज्य सरकार ने किसानों की सहायता के लिए “बिहार राज्य फसल सहायता योजना” (Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत खरीफ फसलों के नुकसान पर किसानों को 7,500 से 20,000 रुपये तक की सहायता राशि दी जाती है। यह योजना बिहार के सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही है और इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करना है।
इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2024 है। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें.
बिहार राज्य फसल सहायता योजना क्या है?
बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana 2024 शुरू की है. जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, बर्फबारी, ओलावृष्टि आदि के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना उन किसानों के लिए है जिनकी फसलें प्राकृतिक आपदाओं के कारण क्षतिग्रस्त होती हैं। योजना के तहत, प्रभावित किसानों को उनके फसल नुकसान की जांच के बाद आर्थिक सहायता दी जाती है, जो उनकी आर्थिक तंगी को कम करने में सहायक होती है।
फसल सहायता योजना के तहत, अलग-अलग जिलों में विभिन्न प्रकार की खरीफ फसलों के नुकसान पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इससे किसानों को एक सुरक्षा कवच मिलता है, जिससे वे अपनी फसलें खराब होने पर भी राहत महसूस कर सकें और अपनी अगली फसल की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकें।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
इस योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसका विवरण इस प्रकार है:
- अगर थ्रेशहोल्ड उपज दर की तुलना में वास्तविक उपज दर में 20% तक की कमी होती है, तो किसानों को 7,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर तक कुल 15,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
- अगर फसल नुकसान 20% से ज्यादा होता है, तो किसानों को 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर तक कुल 20,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा और इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को निम्नलिखित श्रेणियों में से एक में आना होगा:
- रैयत किसान: जो अपनी जमीन पर खुद खेती करते हैं।
- गैर-रैयत किसान: जो किसी अन्य की जमीन पर खेती करते हैं।
- रैयत एवं गैर रैयत किसान: जो अपनी जमीन के साथ-साथ दूसरे की जमीन पर भी खेती करते हैं।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- रैयत किसान:
- अद्यतन भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र या राजस्व रसीद
- स्वघोषणा पत्र
- गैर-रैयत किसान:
- स्वघोषणा पत्र (वार्ड सदस्य या किसान सलाहकार द्वारा प्रमाणित)
- रैयत एवं गैर रैयत दोनों किसान:
- अद्यतन भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या राजस्व रसीद
- स्वघोषणा पत्र (वार्ड सदस्य या किसान सलाहकार द्वारा प्रमाणित)
महत्वपूर्ण तिथियां
विवरण | तिथि |
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आवेदन की शुरुआत | पहले से शुरू हो चुकी है |
आवेदन की अंतिम तिथि | 31 अक्टूबर 2024 |
फसल कटाई का डेटा और ग्राम पंचायत का चयन | 15 फरवरी 2025 तक |
दस्तावेज अपलोड करने की अंतिम तिथि | 15 मार्च 2025 |
सहायता राशि का भुगतान | मार्च-अप्रैल 2025 तक |
योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत आवेदन करने के लिए, किसानों को सबसे पहले बिहार सहकारिता विभाग के आधिकारिक पोर्टल (dbtagriculture.bihar.gov.in) पर जाना होगा। यहां आपको “ऑनलाइन सेवाएं” के विकल्प पर क्लिक करना होगा, जहां से आप योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
- वेबसाइट के होम पेज में ऑनलाइन सेवाओं के विकल्प को चुनें।
- आवेदन लिंक पर क्लिक करें और आवेदन फार्म भरें।
- आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करें और भविष्य के संदर्भ के लिए इसका प्रिंट आउट निकाल लें।
इसके अलावा, किसान ई-सहकारी मोबाइल ऐप (जिसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है) के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। यह ऐप किसानों के लिए आवेदन प्रक्रिया को और भी सरल बना देता है। तीसरा तरीका कॉल सेंटर के माध्यम से आवेदन करने का है। किसान टोल-फ्री नंबर 1800-1800-110 पर कॉल करके सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
किस फसल के लिए किस जिले में मिलेगा लाभ?
इस योजना के तहत विभिन्न जिलों में अलग-अलग फसलों के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। इसका विवरण इस प्रकार है:
- अगहनी धान: सभी 38 जिलों के 534 अंचलों में
- भदई मकई: सभी 38 जिलों के 534 अंचलों में
- भदई सोयाबीन: बेगुसराय, समस्तीपुर और खगड़िया
- अगहनी आलू: 12 जिलों में (पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बांका, कटिहार, गया, भागलपुर, सुपौल, भोजपुर, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, पटना, सिवान)
- अगहनी बैंगन: 12 जिलों में (समस्तीपुर, वैशाली, गया, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल, बेगुसराय, पटना, बांका)
- अगहनी टमाटर: समस्तीपुर, गया, भोजपुर, वैशाली, पटना
- अगहनी गोभी: 12 जिलों में (समस्तीपुर, वैशाली, कटिहार, सुपौल, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधेपुरा, बांका, किशनगंज, पूर्णिया, बेगुसराय)