बिहार सरकार ने जमीन सर्वे और रजिस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसके तहत जमीन मालिकों को 15 सितंबर 2024 तक अपने आवश्यक दस्तावेज जमा करने का समय दिया गया है। यह निर्देश राज्य में चल रहे व्यापक जमीन सर्वेक्षण और रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य जमीन विवादों को समाप्त करना और भूमि के सही मालिकों का निर्धारण करना है। इस नई समय सीमा को ध्यान में रखते हुए, जमीन मालिकों को अपने दस्तावेज तैयार कर लेने चाहिए ताकि वे इस प्रक्रिया में शामिल हो सकें और अपनी जमीन के अधिकार सुनिश्चित कर सकें।
सरकार का निर्देश किन दस्तावेजों की आवश्यकता है?
बिहार सरकार के इस निर्देश के अनुसार, जमीन मालिकों को कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जो उन्हें निर्धारित समय के भीतर संबंधित विभाग में जमा करने होंगे। इन दस्तावेजों में शामिल हैं:
- प्रपत्र 1: इसमें जमीन के स्वामित्व की घोषणा शामिल होती है, जहां जमीन मालिक को अपनी जमीन के बारे में सभी आवश्यक जानकारी देनी होती है।
- प्रपत्र 2: इस प्रपत्र में रैयत का खाता, खेसरा और रकबा जैसी जानकारी दर्ज करनी होती है।
- प्रपत्र 3: यह वंशावली से संबंधित है, जिसमें जमीन मालिक को अपनी वंशावली की जानकारी देनी होती है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सके।
जमीन सर्वेक्षण के इस प्रक्रिया के तहत, सरकार ने विभिन्न जिलों और प्रखंडों में कैंप स्थल बनाए हैं, जहां जमीन मालिक अपने दस्तावेज जमा कर सकते हैं। इसके साथ ही, स्थानीय अधिकारियों द्वारा जमीन सर्वेक्षण के लिए विशेष शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं, जहां जमीन मालिकों को सर्वेक्षण प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है।
1962 के आधार पर होगा सर्वेक्षण
बिहार सरकार के अनुसार, इस बार का जमीन सर्वेक्षण 1962 के आधार पर किया जाएगा। इसका अर्थ है कि पुराने खतियान को फिर से अद्यतन किया जाएगा और जमीन का नया रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचने के लिए सरकार ने कड़े नियम बनाए हैं, जिनका पालन करना सभी जमीन मालिकों के लिए आवश्यक होगा।
इस सर्वेक्षण प्रक्रिया के तहत, अगर किसी जमीन पर किसी प्रकार का विवाद या आपत्ति होती है, तो जमीन मालिक को प्रपत्र 8 के माध्यम से सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पास अपनी आपत्ति दर्ज करनी होगी। इसके बाद, इन आपत्तियों की जांच की जाएगी और आवश्यकतानुसार समाधान प्रदान किया जाएगा।
1530 राजस्व ग्राम में चल रहा है सर्वेक्षण कार्य
बिहार के 1600 गांवों में से 1530 राजस्व ग्रामों में वर्तमान में जमीन सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। यह सर्वेक्षण कार्य सरकार द्वारा जमीन विवादों को समाप्त करने और भूमि के सही मालिकों की पहचान करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में जमीन मालिकों को अपने प्रपत्र 1 से 3 तक भरकर 15 सितंबर तक जमा करने का निर्देश दिया गया है। जिन गांवों में अभी तक सर्वेक्षण कार्य शुरू नहीं हुआ है, वहां भी जल्द ही इस प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
जमीन मालिकों के लिए आवश्यक कागजात की तैयारी
इस सर्वेक्षण के लिए जमीन मालिकों को अपने सभी आवश्यक कागजात तैयार कर लेने चाहिए। इसमें पुराने खतियान, वंशावली प्रमाणपत्र, जमीन के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज आदि शामिल हैं। कई जगहों पर 1970 और 1980 के दशक के खतियान भी उपयोग में लाए जा रहे हैं, जो अब पुराने हो चुके हैं। इसलिए, जमीन मालिकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज हों और वे उन्हें समय पर जमा कर सकें।
अगर किसी जमीन मालिक के पास इन दस्तावेजों में कोई कमी है, तो उन्हें समय रहते इसे पूरा करना चाहिए। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज नहीं होंगे, उन्हें सर्वेक्षण प्रक्रिया में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
जमीन सर्वेक्षण के बाद अगले कदम
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जमीन सर्वेक्षण प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, दक्षिण खारिज (Mutation) की प्रक्रिया को भी आसान बना दिया जाएगा। इसके तहत, जमीन मालिक अपनी जमीन का सही और अद्यतन रिकॉर्ड प्राप्त कर सकेंगे, जिससे भविष्य में किसी प्रकार के विवाद से बचा जा सकेगा।
इसके साथ ही, सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि जमीन मालिक के पास सभी आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, तो उन्हें जमा करने के लिए एक साल का समय दिया जाएगा। इस दौरान, जमीन मालिक अपने ब्लॉक में जाकर आवश्यक कागजात तैयार कर सकते हैं और उन्हें संबंधित विभाग में जमा कर सकते हैं।
बिहार में चल रहे जमीन सर्वेक्षण और रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत सरकार ने जमीन मालिकों को 15 सितंबर 2024 तक समय दिया है ताकि वे अपने सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कर सकें। इस प्रक्रिया में भाग लेना और समय पर दस्तावेज जमा करना जमीन मालिकों के लिए आवश्यक है, ताकि वे अपनी जमीन के अधिकार सुरक्षित रख सकें और भविष्य में किसी भी विवाद से बच सकें।
बहुत सुंदर काम मेरी सलाह होगी कि सर्वेक्षण अधिकारी कर्मचारी कोई गड़बड़ी न कर पाएं इसका पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए क्योंकि इसके पहले भी अधिकारी कर्मचारी के वजह से ही इतने भूमि विवाद हैं अगर इमानदारी से काम हो तो विवाद का कोई मतलब नहीं बनता।
सर्वेक्षण तो ठीक : यह भी ठीक है की सभी जमीन मालिकों को कागजात दिखाने होंगे । यहां तक कि अंचल कर्मचारी का भी यही सवाल है की जमीन कैसे प्राप्त है ।। लेकिन अगर सरकारी कार्यालय से ही जमीन की कागजात गायब है ओर उसी जमीन कि प्रतिलिपि या रिकॉर्ड कैसे निकलेगा । अभी भी कुछ पुरानी जमीन का रिकॉर्ड आपके सरकारी अधिकारी ने नेट पर अपलोड नही किया है । पहले उस कार्य को पूरा कीजिए । अंचल के कर्मचारी को सख्त आदेश कीजिए की हर कार्य को पूर्णरूप से पूरा करे । कोई भी आवेदन बगैर घुस लिए वो करते नही।
हां सर्वेक्षण के दौरान हर अधिकारी के पास भी जमीन मालिक का रिकॉर्ड होना चाहिए ताकि जिनकी कागज खो गई है या नहीं मिल रही अंचल कर्मचारी या सर्वेक्षण अधिकारी तुरंत उसकी प्रतिलिपि उनको दे दें ।
very good
Agar new Jamin liya gaya hai to is Jamin ka kaun sa khatyan lagega .
Abhi to mutation nahi hua hai .jisse Jamin liya gaya hai oh purana wala khatyan lagega kya.
कहां दस्तावेज जमा करना होगा?
ये लिखते नहीं है।
वंसावली सीवील कोरट से बन वाना जरुरी है
Sir mera patidar sara jamin apne pas kabza kar ke rakhe hai or hame fasal karne ko nehi de rahe hai kagajat mangne par sab hum likhwai hai jhuth bol rahe hai kya kare sir plz help me 🙏